
हमें याद नहीं रहा कि आज भारत के लौह पुरुष का जन्मदिन था । उन सरदार पटेल का जिन्होंने खंडित भारत को एकसूत्र में बंधा ,उन तथाकथित शासक जो पाकिस्तान में विलय चाहते थे उनको साम ,भय से भारत में मिलाया । पाकिस्तान से आ रहे लोगो की रक्षा की । भारत को राजा रजवाडो से भी सरदार पटेल ने ही मुक्त कराया ।
बल्लभ भाई पटेल ने किसानो की लिए बारदोली में सफल आन्दोलन किया तभी महत्मा गाँधी ने उनेह सरदार कह कर पुकारा और वह सरदार पटेल के नाम से प्रसिद्ध हुए ।
आज भी भारत को सरदार की आवश्यकता है । सरदार की बात अगर नेहरु मान जाते तो कश्मीर में कोई समस्या नहीं होती ।
सिर्फ आज कुछ लोग पटेल की मूर्ति पर माला पहना कर उनेह याद कर लेते है ,यदि सरदार की नीतियाँ अपना कर आतंक से लड़ा जाए जैसे उन्होंने रजवाडो को खत्म किया वैसे ही हम आतंक को खत्म कर सकते है । यही सच्ची श्र्ध्न्जली होगी सरदार पटेल को ।
और आज हम उन्ही सरदार को भूल रहे है कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं कोई विज्ञापन नहीं
सिर्फ नजरिया [ब्लॉग] में ही सरदार का जिक्र है । अहसान फरामोश नहीं तो क्या कहें अपने को ।