गुरुवार, अक्तूबर 09, 2008

आओ राम बन आतंक रूपी रावण का संहार करे

विजयादशमी पर आओ हम यह संकल्प करे ,

आतंक रूपी रावण का राम बन संहार करे ।

हनुमान की भांति हम अपनी शक्ति भूल गए ,

आओ सोई शक्तियों को जगाने का आव्हान करे ।

अपने क्रोध की ज्वाला को इतना आज प्रवल करे ,

आतंक रूपी रावण का हम आज ही दहन करे ।

कलयुग में किसी चमत्कार की आशा बिलकुल न करे ,

आओ राम बन आतंक रूपी रावण का संहार करे ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. सत्य कहा आपने.वर्तमान दशा मन में सहज ही ये उदगार भरते हैं.

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  2. सटीक,वक़्त का तकाज़ा यही है। आपको दशहरे की बधाई।

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  3. सही कहा आप ने. आतंकवाद सोच में, कथन में और कर्म में तीनों में होता है. इन सब का विनाश करना जरूरी है.

    यह कमेन्ट मोडरेशन क्यों लगा रखा है आपने?

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  4. आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं

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  5. विजय दशमी पर्व की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा