शनिवार, जनवरी 04, 2020

डर

प्रधानमंत्री आवास योजना से मिले घर मे सौभाग्य योजना के बल्ब के उजाले में उज्ज्वला योजना की गैस पर बनी चाय पीते हुए आदमी अगर CAA से डरा हुआ है तो समझिये नासूर बहुत गहरा है। अफवाह अपना काम कर गई है। और उस अफवाह को हवा देने का काम किया है उन लोगो ने जिन्होंने कहा था CAB हिन्दू राष्ट्र के लिए पहला कदम है। 
सूत न कपास जुलाहों में लठमलट्ठा

शुक्रवार, जनवरी 03, 2020

अन अल हक्क

अन अल हक्क की बात कहने पर मंसूर अल हल्लाज जो एक  तसव्वुफ( सूफी)थे को सन 922 में खलीफा अल मुक्तदर ने सूली चढ़वा दिया था। क्योकि अन अल हक्क की बात इस्लाम विरोधी है। 
आज मोदी का विरोध के लिए इस्लाम का विरोध हो रहा है। और कोई कुछ नही कह रहा है। 
हिन्दू तो ऐसी कौम है जिसे कोई सर्दी गर्मी नही लेकिन इस्लाम भी अगर सेक्युलर हो गया तो क्या होगा वैसे भी चौहदवीं सदी चल रही है। 
नास्तिक लोग मुसलमानों के बीच में घुस कर मोदी की आड़ में इस्लाम का नुकसान कर रहे है। 
और इस्लाम के मानने वाले कौआ कान ले गया के शोर पर कौवा के पीछे दौड़ रहे है कान नही टटोल रहे। खैर उन्हें अक्ल आएगी लेकिन तब तक इस्लाम को जो नुकसान होने है वह हो चुका होगा।

गुरुवार, जनवरी 02, 2020

ताज उछाले जाएंगे

असहिष्णु 
वंदेमातरम को राष्ट्रीय गीत बनाते समय कुछ पंक्तियों को एक धर्म के हिसाब से उचित नही मान कर उस गीत की शुरू की नौ पंक्तियां ही शामिल की गई थी। आपत्ति इस बात पर थी उसकी एक पंक्ति में प्रतिमा स्थापना की बात थी।  
सहिष्णु
आजकल एक फैज के एक गीत पर जिसमें बुत उखाड़े जाएंगे और एक धर्म का शासन होगा पर आपत्ति है तो उस पर चर्चाएं हो रही है। ताज उछालो किसी को आपत्ति नही लेकिन धर्म निरपेक्ष राज्य में एक धर्म का राज हो यह आपत्ति जनक है। 
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इन बेकार की बहस से बहुत कुछ पर्देदारी है। एक नूरा कुश्ती सी है। कोई तो है जो रोज एक नया नैरेटिव सैट कर रहा है और कोई उसे हवा दे रहा है।