एक बार फिर से ब्लाग लिखने के मुहिम चालू करने के लिए ब्लॉग दिवस बहाना मिला है । ब्लॉग लिखते पढ़ते दुनिया के तमाम लोगों से परिचय हुआ सम्बंध बना लेकिन सुविधाजीवी स्वभाव के कारण ब्लॉग की जगह सोशल मीडिया पर हम लोग शिफ़्ट हो गए । कुछ लोग ब्लॉग पर ही केंद्रित रहे और उनके लेख पढने के लिए कभी कभी ब्लॉग में झाकने आ जाते थे .
रोज़ रोज़ जो मन में आया वह फेसबुक में लिख दिया यह प्लेटफार्म भी अजीब है लोगो के हजारो फ्रेंड है लेकिन १०% भी यह देखने नही आते की फ्रेंड क्या कर रहा है . मेरे फेसबुक फ्रेंड में अधिकांश आभासी मित्र ब्लॉग के साथी ही है .
खैर अब कोशिश की है अपना दरबार रोज़ खोला जाए इसके लिए अपने आई पेड में ब्लोगर ऐप को डाउनलोड कर लिया है और फोन में भी
ब्लॉग लिखने की आदत छुट गई वह तो भला हो गूगल की एक आईडी से ब्लॉग खुल जाता है वरना यह भी भूल जाते की ब्लॉग कहाँ है .
ब्लॉग दिवस के अवसर पर सभी मित्रो से अनुरोध है ब्लॉगवाणी या चिट्ठाचर्चा फिर से शुरू किये जाने का प्रयास किया जाए .
ब्लॉग दिवस की हार्दिक शुभकामनाये .
आओ फिर से साथ चले
२००८ से २०१७ तक का मेरा सफर अच्छे दिन की ओर है
रोज़ रोज़ जो मन में आया वह फेसबुक में लिख दिया यह प्लेटफार्म भी अजीब है लोगो के हजारो फ्रेंड है लेकिन १०% भी यह देखने नही आते की फ्रेंड क्या कर रहा है . मेरे फेसबुक फ्रेंड में अधिकांश आभासी मित्र ब्लॉग के साथी ही है .
खैर अब कोशिश की है अपना दरबार रोज़ खोला जाए इसके लिए अपने आई पेड में ब्लोगर ऐप को डाउनलोड कर लिया है और फोन में भी
ब्लॉग लिखने की आदत छुट गई वह तो भला हो गूगल की एक आईडी से ब्लॉग खुल जाता है वरना यह भी भूल जाते की ब्लॉग कहाँ है .
ब्लॉग दिवस के अवसर पर सभी मित्रो से अनुरोध है ब्लॉगवाणी या चिट्ठाचर्चा फिर से शुरू किये जाने का प्रयास किया जाए .
ब्लॉग दिवस की हार्दिक शुभकामनाये .
आओ फिर से साथ चले
२००८ से २०१७ तक का मेरा सफर अच्छे दिन की ओर है