क्या हो रहा है सी.बी .आई दनादन क्लीन चिट दिए जा रही है कांग्रेस से संवन्धित केसों पर । पहले बेचारे टाइटलर को क्लीन चिट देकर क्लीन कर दिया अब क़वात्रोची मामा को क्लीन कर दिया । कहीं कांग्रेस को यह तो नही लग रहा है की वह चुनाव हार रही है और वक्त है अभी अपने साथियों को क्लीन करवा दे ।
ऐसा मेरा सोचने का मतलब यह नही कि मै भाजपा के साथ हूँ । मेरे लिए जैसे साँप नाथ वैसे नाग नाथ । बेचारी सी.बी .आई तो सत्ता के हरम कि रक्कासा है जिसकी सत्ता उसके इशारे पर नाचेगी । और सी.बी.आई के अफसर बेचारे सरकार की ही बजाते है क्योकि वह उसका नमक खाते है और वह साबित करते है कि वह नमक हराम नही ।
ख़ैर किसी को क्लीन चिट मिले या डर्टी चिट अपने बाप का क्या जाता है । खुदा न खास्ता कभी सी.बी.आई अपनी जाच करेगी तो हम भी सरकार मे शामिल हो जायेंगे क्योकि सरकार नाम का साबुन मतलब क्लीन झकास
मंगलवार, अप्रैल 28, 2009
शुक्रवार, अप्रैल 24, 2009
बेचारे अमर सिंह - पीटा ठाकुर लुटा बनिया
पीटा ठाकुर और लुटा बनिया किसी को कुछ नही बताता ऐसा कहा जाता है हमारे यहाँ । लेकिन हिन्दुस्तान का एकपेशे से बनिया जाति से ठाकुर आदमी जो अमर सिंह के नाम से जाना जाता है जब पिटता है लुटता है तो जब तकसब को बता नही देता चैन से नही बैठता । और मीडिया तो शायद इतना फालतू है कि अमर सिंह कि हरकतों कोबडा चडा कर प्रचारित करता है ।
आज किसी नाना ने अमर सिंह को धमकी दी । नाना कौन अरे छोटा राजन वही हिंदू माफिया उसने अबू आज़मीका चुनाव प्रचार करने को मना किया है । अमर सिंह ने सब को इन्तला कर दी है । शायद दाउद भाई को भी बतादिया होगा लेकिन भाई का भाई मारा गया है इसलिए शायद भाई कि अभी प्रतिक्रिया नही मिल पायेगी ।
खैर अभी ऐसे कई नाटक देखने को मिलेंगे अमर सिंह के सौजन्य से . इंतज़ार कीजिये
आज किसी नाना ने अमर सिंह को धमकी दी । नाना कौन अरे छोटा राजन वही हिंदू माफिया उसने अबू आज़मीका चुनाव प्रचार करने को मना किया है । अमर सिंह ने सब को इन्तला कर दी है । शायद दाउद भाई को भी बतादिया होगा लेकिन भाई का भाई मारा गया है इसलिए शायद भाई कि अभी प्रतिक्रिया नही मिल पायेगी ।
खैर अभी ऐसे कई नाटक देखने को मिलेंगे अमर सिंह के सौजन्य से . इंतज़ार कीजिये
रविवार, अप्रैल 19, 2009
जनता की परेशानी और मंत्री जी का सच , क्या आप जनता की मदद करना चाहेंगे ?
बहुत साल पहले की बात है एक व्यक्ति समाज की सेवा और क्षेत्र के विकास का सपना लेकर चुनाव लड़ा । जनता ने बदलाव की आस मे वोट दिया और उसे जीता दिया । अब वह माननीय सांसद थे , विकास का वादा उनेह बखूबी याद था । लोकसभा ज्यादा न चल सकी २ साल के अंदर फ़िर चुनाव आ गए . जनता के बीच फ़िर गए बताया की भाई विकास की प्रक्रिया शुरू ही होनी थी चुनाव फ़िर आ गए । जनता भी समझती थी इसलिए फ़िर वोट दिया और बना दिया सांसद ।
पुरे ५ साल विकास होता रहा सांसद जी का ....... फ़िर चुनाव आ गए नेताजी फ़िर जनता के बीच आए बोले विकास हुआ जनता बोली कहाँ ? नेताजी बोले देखिये ध्यान से मेरा विकास हुआ कि नही जनता बोली हां हुआ लेकिन हमें क्या मिला । नेता जी ने कहा अब आपकी ही बारी है । जनता साफ़ गोई से खुश हुई फ़िर वोट दिया फ़िर दिल्ली भेजा ।
अगली बार भी चुनाव जल्दी हो गए जनता फ़िर समझ गई मज़बूरी थी वोट दिया एक बार फ़िर दिल्ली अबकी किस्मत मेहरबान थी बन गए मंत्री । विकास शुरू तूफानी गति से , नेताजी खुश जनता नेताजी को देख कर खुश ।
५ साल बीत गए । जनता कुछ समझदार थी उसने मंत्री जी को घेर लिया कि वोट क्यो दे ?
मंत्री जी बोले विकास के लिए ।
जनता बोली -किसका विकास ?
मंत्री बोले आपका विकास ।
जनता परेशान अब तक क्यो नही किया विकास ,
मंत्री जी बोले हे अर्यापुत्रो ,हे अर्यापुत्रिओं आपने मुझे आज यहाँ तक पहुचाया मैं आपका शुक्रगुजार हूँ मैंने अपना विकास किया फ़िर अपने रिश्तेदारों को फ़िर अपने चेलो का , अब मुझे विकास कि कोई आवश्यकता नही अब जनता ही है जो विकास का स्वाद चखेगी । अगर आप अब भी संतुष्ट नही है तो आप कुछ भी करने को स्वतंत्र है लेकिन एक बात अगर आप नया चुनेगे तो यही क्रिया फ़िर अपनाई जायेगी । आपको फ़िर २० साल इंतज़ार करना पड़ेगा । अगर आपको इंतज़ार करना है तो कोई बात नही लेकिन विकास चाहिए और तुंरत विकास चाहिए तो मुझे ही जिताए ।
जनता परेशान है विचार कर रही है क्या आप मदद करेंगे ? जनता को तुंरत विकास चुनना चाहिए या विकास के लिए २० साल और इंतज़ार करना चाहिए
पुरे ५ साल विकास होता रहा सांसद जी का ....... फ़िर चुनाव आ गए नेताजी फ़िर जनता के बीच आए बोले विकास हुआ जनता बोली कहाँ ? नेताजी बोले देखिये ध्यान से मेरा विकास हुआ कि नही जनता बोली हां हुआ लेकिन हमें क्या मिला । नेता जी ने कहा अब आपकी ही बारी है । जनता साफ़ गोई से खुश हुई फ़िर वोट दिया फ़िर दिल्ली भेजा ।
अगली बार भी चुनाव जल्दी हो गए जनता फ़िर समझ गई मज़बूरी थी वोट दिया एक बार फ़िर दिल्ली अबकी किस्मत मेहरबान थी बन गए मंत्री । विकास शुरू तूफानी गति से , नेताजी खुश जनता नेताजी को देख कर खुश ।
५ साल बीत गए । जनता कुछ समझदार थी उसने मंत्री जी को घेर लिया कि वोट क्यो दे ?
मंत्री जी बोले विकास के लिए ।
जनता बोली -किसका विकास ?
मंत्री बोले आपका विकास ।
जनता परेशान अब तक क्यो नही किया विकास ,
मंत्री जी बोले हे अर्यापुत्रो ,हे अर्यापुत्रिओं आपने मुझे आज यहाँ तक पहुचाया मैं आपका शुक्रगुजार हूँ मैंने अपना विकास किया फ़िर अपने रिश्तेदारों को फ़िर अपने चेलो का , अब मुझे विकास कि कोई आवश्यकता नही अब जनता ही है जो विकास का स्वाद चखेगी । अगर आप अब भी संतुष्ट नही है तो आप कुछ भी करने को स्वतंत्र है लेकिन एक बात अगर आप नया चुनेगे तो यही क्रिया फ़िर अपनाई जायेगी । आपको फ़िर २० साल इंतज़ार करना पड़ेगा । अगर आपको इंतज़ार करना है तो कोई बात नही लेकिन विकास चाहिए और तुंरत विकास चाहिए तो मुझे ही जिताए ।
जनता परेशान है विचार कर रही है क्या आप मदद करेंगे ? जनता को तुंरत विकास चुनना चाहिए या विकास के लिए २० साल और इंतज़ार करना चाहिए
गुरुवार, अप्रैल 16, 2009
शपथ पत्र दो - पेरोल लो . सुप्रीम कोर्ट की jay हो
वरुण मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने एक नई मिसाल कायम कर दी है शायद , एक शपथ पत्र देने से ही रासुका जैसे कानून से तुंरत मुक्ति मिल जाया करेगी । कश्मीर के आतंकवादी हो या नक्सलवादी अब अच्छे चाल चलन का आश्वाशन देकर पेरोल पर छूट जायेंगे ।
यह फैसला ज्यादा विचलित कर देने वाला है यदि वरुण को गलत बंद किया था तो सुप्रीम कोर्ट को उसे रासुका से मुक्त कर देना चाहिए था । यह कदम एक नजीर तो बन ही जाएगा । ऐसे कई लोग अब सुप्रीम कोर्ट पहुचेंगे ।
और आखरी बात ज़मानत अभी हुई वरुण की और अखवार मे सुबह ही छप गया वरुण आज छूट जायेंगे और उनका जगह जगह स्वागत होगा . पूरा मिनिट २ मिनिट karykrm भी बन चुका hae । कह सकते hae jay हो
यह फैसला ज्यादा विचलित कर देने वाला है यदि वरुण को गलत बंद किया था तो सुप्रीम कोर्ट को उसे रासुका से मुक्त कर देना चाहिए था । यह कदम एक नजीर तो बन ही जाएगा । ऐसे कई लोग अब सुप्रीम कोर्ट पहुचेंगे ।
और आखरी बात ज़मानत अभी हुई वरुण की और अखवार मे सुबह ही छप गया वरुण आज छूट जायेंगे और उनका जगह जगह स्वागत होगा . पूरा मिनिट २ मिनिट karykrm भी बन चुका hae । कह सकते hae jay हो
सोमवार, अप्रैल 13, 2009
जलियाँवाले बाग़ के शहीदों को नमन
जलियावाले बाग़ के शहीदों को आज याद कर ही लेते है ,
आज़ादी को आहुति देने वालो को श्रधान्जली दे ही देते है
क्योकि हमें शायद फुर्सत नही है इन सब चीजो को याद रखने की
आज़ादी को आहुति देने वालो को श्रधान्जली दे ही देते है
क्योकि हमें शायद फुर्सत नही है इन सब चीजो को याद रखने की
शुक्रवार, अप्रैल 10, 2009
क्या सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर का टिकट काट कर कांग्रेस हजारो सिखों की हत्या के आरोप से बरी हो गई ?
क्या सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर का टिकट काट कर कांग्रेस हजारो सिखों की हत्या के आरोप से बरी हो गई ?
क्या यही दोनों दोषी थे पूरे भारत मे सिखों के कत्ले आम के ?
क्या वह दोषी नही जिनका ब्यान था कि जब बड़ा पेड़ जब गिरता है तो धरती हिलती है ?
सन ८४ के बाद अचानक बोतल मे से निकला यह जिन्न इलेक्शन बाद फिर वापिस बोतल मे बंद कर दिया जायेगा । और हम लोग फ़िर अपनी रोज़ी रोटी कि चिंता मे सब भूल जायेंगे । कृपया उन परिवारों के घाव और न कुरेदिए जो अपना सब कुछ खो चुके है उन दंगो मे ।
वैसे एक जूते कि दरकार हम आम आदमियों को भी शायद अब जूता ही हमारी बुद्धि को दुरुस्त कर सके क्योकि हम वोट देने से पहले तो बहुत सोचते है लेकिन वोट देते समय हमारी सोच धर्म ,जाति,सम्प्रदाय से ऊपर नही हो पाती ।
क्या यही दोनों दोषी थे पूरे भारत मे सिखों के कत्ले आम के ?
क्या वह दोषी नही जिनका ब्यान था कि जब बड़ा पेड़ जब गिरता है तो धरती हिलती है ?
सन ८४ के बाद अचानक बोतल मे से निकला यह जिन्न इलेक्शन बाद फिर वापिस बोतल मे बंद कर दिया जायेगा । और हम लोग फ़िर अपनी रोज़ी रोटी कि चिंता मे सब भूल जायेंगे । कृपया उन परिवारों के घाव और न कुरेदिए जो अपना सब कुछ खो चुके है उन दंगो मे ।
वैसे एक जूते कि दरकार हम आम आदमियों को भी शायद अब जूता ही हमारी बुद्धि को दुरुस्त कर सके क्योकि हम वोट देने से पहले तो बहुत सोचते है लेकिन वोट देते समय हमारी सोच धर्म ,जाति,सम्प्रदाय से ऊपर नही हो पाती ।
शनिवार, अप्रैल 04, 2009
हां मै हूँ सब ब्लागर पर भारी
बड़े बड़े ब्लोगर बहुत हलके पड़ेंगे। समीर लाल जी जैसे भी मेरे पासन नही । बहुत दिनों से यह बात दिल मे दबाये था लेकिन ब्लोगों मे लगे फोटो देख देख कर मुझ से राह नही जा रहा है । रोज़ रोज़ का चक्कर अब खत्म करना ही पड़ेगा ।
मेरा चेलेंज है सभी ब्लोगरो को सब मेरे सामने कमजोर है कोई नही ठहरेगा मेरी टक्कर पर चाहे वह नम्बर १ हो या रोज़ ब्लॉग लिखता हो या १०० टिप्पणी प्राप्त करता हो या लिखता हो या दुनिया भर मे उसके सैकडो फालोवर हो ।
क्यौकि मैं हूँ सिर्फ़ और सिर्फ़ मात्र १६० किलो का । कोई है जो मुझे टक्कर दे सके इस हिन्दी ब्लॉग की दुनिया मे , हो कोई तो सामने आए ।
मेरा चेलेंज है सभी ब्लोगरो को सब मेरे सामने कमजोर है कोई नही ठहरेगा मेरी टक्कर पर चाहे वह नम्बर १ हो या रोज़ ब्लॉग लिखता हो या १०० टिप्पणी प्राप्त करता हो या लिखता हो या दुनिया भर मे उसके सैकडो फालोवर हो ।
क्यौकि मैं हूँ सिर्फ़ और सिर्फ़ मात्र १६० किलो का । कोई है जो मुझे टक्कर दे सके इस हिन्दी ब्लॉग की दुनिया मे , हो कोई तो सामने आए ।
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