सोमवार, मार्च 30, 2009

एक सवाल यह वरुण गाँधी हिंदू कब से हो गए ?

एक सवाल यह वरुण गाँधी हिंदू कब से हो गए ? स्वर्गीय फिरोज गाँधी के वंशज हिंदू कैसे हो सकते है , स्व फिरोजगाँधी ने तो कभी हिंदू धर्म स्वीकार ही नही किया इसका कोई प्रमाण भी नही

एक बेतुका प्रश्न खाली बैठे दिमाग मे गयाभारत मे पुरूष का धर्म ही स्त्री का धर्म माना जाता हैऔर स्व फिरोज पारसी समुदाय से थे इसलिए उनके पुत्र और पौत्र भी पारसी ही होंगे की हिंदूयह तो रही दिमागी हलचलइसका उत्तर आप ही लोग सुझायेंगे

या भाजपा का सदस्य होना ही हिंदू होना मान लिया जाता है ? विश्व हिंदू परिषद , बजरंग दल का प्रमाण पत्र ही हिंदूहोने का एकमात्र साधन है या मुसलमानों को गाली देना या मार काट की बात करना ही हिंदू होना मान लिया जाए

39 टिप्‍पणियां:

  1. धीरू जी आपने तो हमारा पारसियों के ऊपर लेख पढ़ा ही है. यदि कोई पारसी किसी अन्य धर्म की स्त्री से शादी कर ले तब भी वह स्त्री या उसके बच्चे पारसी नहीं बन सकते. अब आप अपना गणित लगा लो.

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  2. और हिन्दुओं मे यह है जिस धर्म मे लड़की शादी करती है वह उसी धर्म की हो जाती है

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  3. जब से उन्‍होंने मुंह खोला है

    भाजपा उनकी सुर में बोला है

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  4. Agar hindu se aapka matlab sanatan dharma hai, to Varun aur har wo koi bhartiy jo alag se koi panth nahee swikarta ya uska janm kisi alag panth manane wale ghar me nahee hua hai to wo hindu hi hoga. Chunki parasi se shadi karke bhi koi parasi me convert nahee ho sakta isliye Indira gandhi hindu hi maani jayengee.

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  5. PN Subramanian ji के लेख से तो स्पष्ट है कि वरुण गाँधी पारसी नहीं हो सकते ! फिर भी आपका सवाल वाजिब है इसका जबाब तो वरुण गाँधी ही दे सकते है कि वे कौनसा धर्म मानते है |

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  6. फिरोज को गांधी सरनेम गांधी ने अपना पुत्र घोषित करके दिया था
    क्या गांधी हिन्दू नहीं थे? इन्दिरा, राजीव, संजय को दफनाया गया था या जलाया गया था?

    वैसे आपने खुद ही स्वीकार कर लिया है कि आपका प्रश्न बेतुका है खाली दिमाग की उपज है

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  7. खाली दिमाग शैतान का घर होता है,

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  8. वरुण कतई हिन्दू नहीं हैं, हमलावरों का विरोध करना हिन्दू होना कतई नहीं है, सिर्फ वही हिन्दू है जो हमलावरों का विरोध न करें, हमारे यहां गौरी, गजनवी, अंग्रेज आये, हमने कहां विरोध किया, इसी लिये तो हम हिन्दू है, अभी भी कितने सेकूलरिये फटफटाते रहते हैं क्या हम हिन्दू लोग किसी को कुछ कहते हैं, हिन्दू वह है जो एक गाल पर चांटा खाकर दूसरा गाल आगे कर दे, वरुण तो चांटा मारने वाले के हाथों को तोड़ने की बात करता है फिर वो हिन्दू कहां से हुआ?

    अपसे पूर्ण सहमति। वरुण कहता है कि हमलावर हाथों को काट लिया जायेगा, इसलिये वह कतई हिन्दू नहीं है। हमलावरों का विरोध करना तो नकारात्मक ऊर्जा है, हिन्दू तो बेचारात्मक ऊर्जा से लबालब है

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  9. मज़ा आ गया, साधारण से सवाल पर असाधारण टिप्पणियाँ देखकर.
    अब मेरे दो शब्द - कम से कम भारत जैसे उदारवादी देश में तो हर व्यक्ति को अपनी विचारधारा, जीवन शैली और धर्म खुद चुनने की आज़ादी होनी ही चाहिए. वरुण गांधी भी इस दायरे से बाहर नहीं हैं. वैसे आपकी यह धारणा भी १००% सही नहीं है कि भारत भर में पितृ सत्तात्मक अवधारणा है और तीसरे - जैसा कि पहले कई लूगों ने कहा है, इंदिरा गांधी का कभी भी पारसी धर्म में परिवर्तन नहीं हुआ और न ही उनकी संतति का.

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  10. अरे नेहरू भी कहां पंडित थे ? यह लेख आप सुरेश जी के ब्लांग पर पढ सकते है, नेहरु के दादा एक मुस्लिम थे.... ओर सोनिया भी क्या हिन्दु है ??? बहुत ही सुंदर सवाल ??
    धन्यवाद

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  12. dharm ek tarah ki sankriti aur vichar dhara hai,yedi koi vaykti hindu se musalman banna chahe to ban sakta hai,yedi varun apne ko hindu mante hai aur unke kriya kalap hinduo ki tarah hai to wah hindu hi hai,aur aap jaane hai ki bharat,pakistan,bangla desh ke 90% musalmaan hindu se muslim bane hai to kya aap unhe bhi hindu kahege,jabki yeh sawal aap unse hi puchhiye to achha hai

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  13. बेनामी भाई /बहिन , इतना सही लिखा लेकिन पहचान छुपाना अच्छी बात नहीं है . यही तो कमजोरी है आप जैसे हिन्दुओं की बात तो कहेंगे लेकिन परदे की आड़ लेकर

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  14. सच कहा धीरू भाई ....वैसे
    इन नेताओं का कोई धर्म नहीं
    होता . गिरगिट और नेता में एक बड़ा
    फर्क यही है ,गिरगिट की तो ताशीर है पर नेता
    वोट का वजन देख कर रंग बदलते हैं .

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  15. थोड़ी छानबीन करो...नेहरू के पूर्वज पंडित नहीं थे. और गाँधी सरनेम भी छद्म है.

    जो खूद को हिन्दू माने वही हिन्दू.

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  16. सवाल अच्छा है लेकिन जवाब आसान नहीं...जो भी हो किसी भी जाती के लोगों को दूसरे की जात या धर्म के प्रति अपशब्द कहने का अधिकार नहीं है...
    नीरज

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  17. हां धीरु भाई, मैं परदे की आड़ ले रहा हूं, मेरी यही कमजोरी है, हिन्दू हूं दब्बू हूं, डरपोक हूं, लेकिन मेरे जैसे हिन्दूओं की बात कहां उठाते हैं? मैं भी तो हिन्दुओं की बात नहीं उठा रहा,

    मैं तो आपसे पूरी तरह सहमत हूं कि वरुण हिन्दू नहीं है.
    क्योंकि उसने हिन्दुओं की बात उठाई है.

    मेरे जैसे तो चौपाल पर बैठ कर ईराक ईरान अमेरिका की बात करते रहते हैं, सारी दुनियां के दर्द की, फिलीस्तीन की बात करते है, लेकिन अपने मुहल्ले में भंगी चमारों के दर्द नहीं दिखेंगे

    क्योंकि मैं हिन्दू हूं पारम्परिक.
    अगर मेरी बहादुरी चलती भी है तो सिर्फ अपने भाईयों के खिलाफ.

    और वरुण का और पीछे का इतिहास खंगालिये तो वह आदमी ही नहीं निकलेगा, बन्दर निकलेगा
    क्योंकि उसके पूर्वज बन्दर थे.

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  18. भाई बेनामी , वरुण ने हिन्दू हित नहीं वोट हित की बात की है इसीलिए विचलित हूँ . गरजने वाले बरसते नहीं यह तो आपको पता ही है . कहने भर से हाथ नहीं कट पाता उसके लिए हिम्मत होनी चाहिए वह उसमे है नहीं . क्यूंकि वह अपने ब्यान से mukar गए hae .

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  19. ४ दिन पहले तक पता नहीं क्या थे पर सुना है अब हिन्दू हो गए है ?

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  20. पता नहीं वो है क्या, पर आज चिट्ठा चर्चा पर लिखा था.. इकबाल की लाइन.."मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना......"

    शायद जेल में उन्हे याद आये..

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  21. रंजन भाई, पता नहीं, तो पता कीजिये ना!

    इन्ही अल्लामा इकबाल ने "मजहब नहीं सिखाता" लिखकर बाद में अपनी भूल सुधार ली थी। इन्ही इकबाल ने पाकिस्तान का सिद्धान्त प्रतिपादित किया था और अपने "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां" छोड़कर पाकिस्तान भाग लिये थे।

    वहां पर बची खुची जिन्दगी "सोणी धरती अल्लाह रक्खे कदम कदम कुरबान" गाते रहे.

    हम उनके इस गीत की तोतारटन्त किये जा रहे हैं!
    कौन से मजहब की कौन सी किताब आपस में लड़ाई नही सिखाती?
    सिर्फ एक किताब का नाम बताओगे?

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  22. अब श्रीमान ये तो हमें पता नहीं कौन हिन्दू है या कौन क्या है ...
    लेकिन एक बात तो आपको भी पता होगी,स्वर्गीय संजय गाँधी जो वरुण
    गाँधी के पिता है मुसलमानो के खिलाफ बोहोत ही कट्टर माने जाते थे......
    अब वो ऐसा क्यों करते थे ये भी मेरे को नहीं पता ;)

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  23. भारत एक विशाल देश है,यहा पाच कोस पर पानी तथा दस कोस पर बोली बदल जती है. बहुत सि बोलीयो मे शब्दो क अपभ्रन्श हो जाता,"स" को "ह" उच्चारित किया जाता है.एसे हि सिन्ध नदि के आस पास के लोग सिन्दु कहलाए.अपभ्रन्श से जो "हिन्दु" कहलने लगे."हिन्दु" कोई धर्म नहि .एक पहचान है आज के राजनेतिक जन,व दल वर्णो ,जतियो कि राजनिति कर नफ़्ररत कि पोध को सिन्च रहि है.
    यग्यानारायन.

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  24. Itne dino tak to chupchap the jaise hi unhe pilibhit me bjp ne seet diya to chalu ho gaye iske piche kya hia aapko to pata hi hai na .........
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  25. क्या मेरा यूँ बीच में टपक पड़ना ठीक रहेगा ?
    ध्यान दें, वरूण ने जो भी कहा, एक वक्ता के रूप में नहीं बल्कि प्रवक्ता के रूप में ही कहा है ।
    उन्हें राहुल के समक्ष दिखने की उतावली है, यहाँ धर्म उनका ठहरा.. चाणक्य चरित्र के महन्तों की चेलागिरी !
    शत्रु का शत्रु.. हमारा मित्र 'यह उनका धर्म है !
    धर्म तो जनता का होता है, ताकि लकड़बग्घे उनकी छँटाई करके अलग अलग बाड़ों में अपनी सुविधानुसार रख सकें ।

    फ़िरोज़ एक ईमानदार पारसी रहे हैं, इन्दिरा से उनके प्रेमविवाह को राष्ट्रीय दृष्टि से स्वीकार कराने की परामर्श ॠँखला में महात्मा गाँधी ने तत्क्षण उन्हें अपना दत्तक पुत्र घोषित कर उन्हें यह सरनेम दिया था !

    Varun is merely a Scapegoat to nourish the hindu feelings through backdoor,the poor fellow !
    Since a Candidate for PM cannot sing a Mandir Song anymore for now !
    यह हिन्दुवादिता कतई नहीं है, बल्कि सम्प्रदाय ध्रुवीकरण का खेल है, बन्धु !



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  26. वरुण गांधी हिन्दू कबसे हुए ? छोटा सा जबाब :
    जब से उसने और उसके परिवार ने मुसलमानों जैसा आचरण करना छोड़ा !
    ये तो आप बखूबी समझते होंगे कि आचरण क्या होता है, फिर आप कहोगे कि आचरण छोड़ देने मात्र से कोई मुसलमान से हिन्दू कैसे बन सकता है ? तो उसका भी एक छोटा सा जबाब ; ठीक वैसे ही, जैसे ये हिन्दुस्तान के हिन्दू, मुगलों के साम दाम दंड भेद के जरिये, मुसलमान बने थे ! इनके भी पूर्वज हिन्दू ही थे, फिर ये मुस्लमान कब से बन गए ?
    खैर छोडिये , काफी उलझी हुई गुत्थी है, आपकी समझ में नहीं आयेगी !

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  27. varun ji se hi poochna padega, (Shayad ek saal baad hi ho paiye unse mulakaat)

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  28. 32 टिप्पणियाँ आगई है .पर सवाल वही का वही है.
    ना हिन्दू है, ना मुसलमा ,ना पारसी , बस एक इन्सान है भाई......... जिसका एक बाप था और एक माँ है.
    बस ........ख़त्म बात.

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  29. ये न हिन्दु न मुसलमान हैं
    बस सिर्फ मौकापरस्त इन्सान हैं!!

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  30. गहरी बात खोज के निकाली है आपने धीरू जी.....
    पर मेरा मानना है.....जो भी कोई भारत की पवित्र भूमि में रहता है वो हिन्दू ही है......फिर कोई भी मजहब हो उसका, कोई भी पूजा पधत्ति हो

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  31. videsh mein degree paaye Varun ko chunav ke samay hinduon ki yaad aayee, ye acha hai, unki maan Smt Maneka Gandhi ne bhi (non hinduon ke)haath kaat dene ki dhamaki ka samarthan kiya, lekin woh jab pilibhit se dillee laut rahi thi to raste mein unko ek truck mila jismein bhasien (buffaloas)the, Manekaji ko dard umad ayaa, unhone truck rukvaya aur un sabhi bhaison ko azad karaya. uske baad unka kafila aage badha. kaash! Makekaji insanon par bhi taras aataa aur woh apne ladle ko insaniyat ka paath seekhne ko kahatin.

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  32. वरुण हिन्दू हों या नहीं, लेकिन बात बिल्कुल ठीक की है, इसमें कोई गलत बात नहीं. आपही के क्षेत्र में बदायूं में एक मुस्लिम एसडीएम ने जागरण रुकवा दिया था, मुरादाबाद के देहाती इलाकों में आज भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हिन्दू लाउडस्पीकर नहीं लगा सकते! यह दशा है हिन्दुओं की.

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  33. नेता कब से हिन्दु मुसलमान होने लग गये?

    उनका धर्म तो मौका परस्ति ही रहा है हमेशा से.

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  34. @Anonymous
    इन्ही इकबाल ने पाकिस्तान का सिद्धान्त प्रतिपादित किया था और अपने "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां" छोड़कर पाकिस्तान भाग लिये थे।

    अरे यह क्या कह रहे हैं मियाँ? अल्लामा इकबाल पाकिस्तान बन्ने से कई बरस पहले ही अल्लाह को प्यारे हो गए थे. उनकी कब्र आज भी भोपाल में है.

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  35. aap ne sahi kaha ki ekbaal pakistan banne se kayi saal pahele allha ko pyare ho gaye the lekin pakistan ka shidhant ekball sahab ne ki prtipadit kiya tha.
    hme yeh dekhana hoga ki hum kahi apne dharmik ahankar main to is prashan ka uttar to nahi dud rahe hai.wastvik rupu se dharm ek tarah ki sanskriti hai,jaise hindu bhartiye ,muslim arbi ha lekin isaeyo ke mamle mai yeh kuchhu appwad hai,waise to hum sabhi insaan hai lekin is krur samaj ya duniya mai bina dram ke nahi rah sakate hai kyoki koi tumhe bina dram ke nahi rahne dega,tumhe hindu,muslim ya koi any dhram svikaar karana hi padega aur yedi varun appne ko hindu mante hai to vah hindu hi hai.yeh koi bahas ka mudda nahi hai. nahi ye koi sarthak prashan hai.

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा