शुक्रवार, अक्तूबर 24, 2008

बीस रूपये का एक पटाखा -याद आयी एक दिवाली

दीपावली का त्यौहार आते ही पुरानी दिवाली याद आती है खासकर बचपन की दिवाली , त्योहारों का असली मज़ा तो बचपन ही उठाता हैशरारते ,शिकायते जब तक हो तब तक त्योहार किस बात काक्या वह दिन थे। एक शरारत जो जिन्दगी भर मुझे याद रहेगी

दिवाली का मौसम ,घर की सफाई रंगाई पुताई चल रही थीउसी समय अलमारी से झाकता एक बीस रूपये का लाल लाल नोट दिल में हल चल पैदा कर रहा था ,तरह तरह के सपने जगाने लगा वह लाल नोट ,चुपके से वह नोट मेने जेब के हवाले कर दियासही में कहे तो चोरी कर लियाउस समय १९७६-७७ में बीस रूपये अपनी अहमियत रखते थे

बीस रूपये कहाँ ऐसी जगह खर्च करुँ कि किसीको पता चले और आनंद भी आयेबहुत सोच कर फैसला लिया कि पटाखे लिए जाये ,उस समय बीस रूपये के पटाखे मायने रखते थेफिर दिमाग में आया एक पटखा बीस रूपये का लिया जाए एक बार में चले और किसी को पता भी चले

घर के पास पटाखे कि दुकानों पर गया और बीस रूपये का एक पटाखा माँगा दूकानदार भी चकराया क्योंकि उस समय बीस रूपये का एक पटाखा नहीं मिलता थामेरी जिद थी कि एक ही चाहिएदूकानदार ने घर पर खबर की, और फिर घर पर हमारी खबर लीयह बचपना मुझे आज भी याद रहता है और वह पिटाई भी

उस समय बीस रूपये का पटाखा नहीं था औए आज २००० रूपये से ज्यादा का भी पटाखा मौजूद है

महंगाई हाय महंगाई

4 टिप्‍पणियां:

  1. Sahi kaha aapne. Jab ham patakhe chalane ki ichha rakhte the tab 20 rupaye ki bhi bahut ahmiyat hoti thi aur ab 20 hazar rupaye ke patakhe log apne bachhon ke liye lane men nahin hichkichate. Yahi karan hai ki hamari economy aise mukam par pahunch gayee hai ki global star par economy ka bom phoot gaya hai. chhote mote patakhon ko kharidne ki bhi samarthya bahut se logon ki chhin gayee.

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  2. आजकी परिस्थिति को बड़े खूबसूरत ढंग से लिखा है. आभार.

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  3. धीरू भाई मजा आया ना २० रुपये के पटाखे का, अभी तक आवाज गुंज रही है....
    हां भाई आप से पहले१९६५ से १९७० तक तो रुपये नही पेसो के भी पटाखे आते थे, हमारी जेब खर्ची ३ पेसे हुआ करती थी, इन तीन पेसो से हम इमली ओर चाट खाते थे, फ़िल्म देखने के लिये पांच आन्ने का टिक्ट हुआ करता था.
    धन्यवाद सब कुछ याद दिलाने का

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  4. महंगाई हाय महंगाई
    "sach kha ab to 20 rs mey ek phulghdee bhee nahee aate...laikn purane din bhee kya din thy... bhut rochak post lgee, bhut kuch yaad aa gya"

    Regards

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा