गुरुवार, नवंबर 24, 2011

हुआ वही जो होना था

आखिर पानी गड्डे मे ही गया .

 बहुत दिनो पहले एक चुटकला सुना था . एक कम्पनी के चेयर मैन ने एक मीटिग मे अपने इम्पलाईयो से कहा इसे कहते है लगन ....... यह लडका ६ महीने पहले हमारी कम्पनी मे एक ट्रेनी के तौर पर आया और अपनी मेहनत और लगन से आज वह डायरेक्टर बन गया ..................... आइये जैन्टल मैन कुछ कहिये . लडका आगे आया और कहा थैन्क य़ू अंकल

यही कुछ टाटा संस मे हुआ . दुनिया को दिखाने के लिये खोज कमेटी बनी और आखिर ढाक के तीन पात .मिस्त्री सही अगर टाटा नही . 

यही तो होता आया है योग्य सिर्फ़ अपने ही पाये जाते है . चाहे किसी भी क्षेत्र मे हो . बदनाम तो सिर्फ़ राजनीतिक ही है .