मंगलवार, मई 15, 2012

सांसद रेखा के बहाने

सांसद  रेखा के बहाने आज का पुराना सच्चा किस्सा याद आ गया . लोकतंत्र  भी कितना अजीब है हमारे यहाँ के सांसद इंदिरा  लहर में जीत कर दिल्ली गए . जब उनसे उनके क्षेत्र  में लोगो ने उनसे पूछा आपको संसद में सबसे अच्छा कब लगा .तो वह यादो में खो गए और साफ़ गोई से बोले .........एक दिन जब फिल्म गंगा जमुना आई थी तब हम उसका टिकिट लेते समय भीड़ में अपना कुर्ता तक नुचवा चुके थे क्योकि हमें वैजयन्ती माला को परदे पर देखना था . और अब वही  बैजयंती माला संसद में हमारे पास में बैठती है . इससे अच्छा क्या लगेगा हमें .

वही  संतोष आज मुझे तमाम सांसदों के चेहरे पर लगा जब रेखा शपथ ले रही थी . ना जाने कितने सांसद सलामे इश्क को याद कर रहे  होंगे .कितने सांसदों ने अपने उन दिनों में रेखा को सपने में जरूर महसूस किया होगा वही वजह थी मेज की थपथपाहट  ज्यादा जोर से थी . जय हो रेखा की .वह अपने अनुभवों को महसूस जरूर कराएंगी चाहे वह उत्सव का हो या टेल  ऑफ़ कामसूत्र का .........