गुरुवार, अक्तूबर 16, 2008

एक समाचार - गौर फरमाएं

समाचार की भीड़ में एक छिपा समाचार ,जेट एयर वेज़ और किंग फिशर पर इंडियन आयल का क्रमश ८२५ करोड़ और ११० करोड़ बकाया है । उधार तेल मिल रहा है उन बड़ी कम्पनियों को जो सेक्डो लाख रूपए विज्ञापन में खत्म करती है ।

सरकार का दोगलापन नहीं तो यह क्या है ? किसान को सब्सिडी पर एतराज ,परेशानी । और उद्योगपतिओं पर मेहरवानी । सरकार बड़े आदमिओं की परेशानी से दुखी है उनेह तमाम तरह की छूट , सुबिधायें मोह्य्या करा रही है ।

और दूसरी तरफ आम आदमी महंगाई के बोझ से मर रहा है । आज तक सरकार ने उसकी राहत के लिए क्या कदम उठाये किसी को नहीं मालूम , उसे क्या सुबिधा दी पता नहीं । क्यों ?

क्योंकि आम आदमी सरकार को चंदा नहीं दे पाता। और वह वोट बिना सोअचे देता है ,और राजनीतिक ताकते उस का वोट उसी पैसे से खरीदने का माद्दा रखती है जो बड़े आदमी चंदे में देता है ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसी ही कंपनियाँ बैंकों और सरकारों को ले बैठती हैं।

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  2. बहुत ही सुंदर बात कही आप ने,कहावत है अंधा बाटे रेबडी मुड मूड अपनो को....
    धन्यवाद

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा