शुक्रवार, अप्रैल 20, 2012

कैसी कही

उन्हें शिकवा है  हम उन्हें न समझ सके 
अगर यह हम कहते  तो बेहतर होता 
बहुत कुछ न कह  सके हम उनके लिए 
शायद कुछ कहते तो अच्छा होता

जो दिल में है कमबख्त वही दिखता है 
अच्छा होता हमारे चेहरे पर चेहरा होता 
हम भी उनमे शुमार हो जाते धीरू
जिन्हें शराफत का तमगा मिलता 





शुक्रवार, अप्रैल 13, 2012

निर्मल बाबा की ..................? कृपा

लगभग हर टी वी चैनल पर जब निर्मल बाबा की तीसरी आँख बतौर विज्ञापन दिखाई जाती रही और कमाई होती रही तब तक कोई आलोचना नहीं हुई .और जब लगा कि बिना विज्ञापन के बाबा की दुकान दौड़ रही है और कमाई खत्म होने को है तो बाल की खाल निकालनी शुरू हो गई है . 

आज बाबा निर्मल ही हर चैनल में मुफ्त में प्रचार पा रहे है . और इसी बहाने कई तर्क शास्त्री .धर्माचार्य आज रोज़गार पा रहे है . एक बकवास बहस चल रही है . निर्मल सिंह नरूला का दरबार चल ही रहा है . 

क्या निर्मल बाबा ही दोषी है ? क्या वह लोग दोषी नहीं जो आज तक निर्मल बाबा की कमाई का हिस्सा विज्ञापन के रूप में खा रहे थे .  स्टार ,जी ,आजतक ,a x n जैसे चैनल भी मलाई चाट रहे  थे तब नहीं सोच रहे थे वह किसको बढावा दे रहे है . 

खैर निर्मल बाबा की जगह कोई और बाबा आ जाएगा दुखी हिन्दुस्तानियों को दो पल की ख़ुशी देकर उन्हें लूटने के लिए . वैसे  में भी अगर इस धंधे में उतर जाऊ तो कोई आश्चर्य ना करे क्योकि २३० करोड़ रु . कमाना इस जन्म में तो फ्राड करके ही कमा सकता हूँ . तो शुरुआत अपने आप से बोलिए धीरू बाबा की .....................