आदरणीय बापू
सप्रेम चरण स्पर्श
बहुत सालो से आपको चिट्ठी लिखने का मन था . यह बता दू मैं आपका ५०% प्रशंसक हूँ और ५०% आलोचक .
बापू अफ्रीका से जब आप आये थे तब भी आज़ादी का आन्दोलन उसी गति चल रहा था लेकिन सितारे आपके साथ थे और १८५७ से सतत लड़ने वालो को भूल कर सब आप पर फ़िदा हो गए . आप के कुशल नेतृत्व में आज़ादी की लड़ने वाली लडाइयां टेबिल पर आ गई .खैर बापू आपको चोरा चोरी की हिंसा तो दिखी लेकिन भगत सिंह और उनके साथियो की फासी हिंसा नही दिखी .
छोड़िये इन बातों को क्या फ़ायदा . बापू आज भी आप चर्चा में रहते हो आपका मीडिया मैनेजमेंट इतना अच्छा था कि आप को अमर कर गया . बापू एक बात माननी पड़ेगी आप को अमर करने में गोडसे की बहुत बड़ी भूमिका थी . अगर गोडसे आपके प्रति हिंसा का प्रयोग नही करता तो आपकी गति भी जिन्ना की तरह होती .
बापू कभी तो आप से मुलाक़ात होगी .तो होंगी बाते . लेकिन बापू अपने बारे में सच लिखना और वह सच लिखना जो आप ही जानते हो बहुत ही कठिन है या कहें असम्भव है . यही आपकी आदत आपकी बहादुरी को दर्शाती है .
बापू आज आपकी पुण्यतिथी पर आपको श्रधांजलि
आपका ही
धीरू
सेवा में,
महात्मा गांधी
जहाँ में जहा कही भी हो
सप्रेम चरण स्पर्श
बहुत सालो से आपको चिट्ठी लिखने का मन था . यह बता दू मैं आपका ५०% प्रशंसक हूँ और ५०% आलोचक .
बापू अफ्रीका से जब आप आये थे तब भी आज़ादी का आन्दोलन उसी गति चल रहा था लेकिन सितारे आपके साथ थे और १८५७ से सतत लड़ने वालो को भूल कर सब आप पर फ़िदा हो गए . आप के कुशल नेतृत्व में आज़ादी की लड़ने वाली लडाइयां टेबिल पर आ गई .खैर बापू आपको चोरा चोरी की हिंसा तो दिखी लेकिन भगत सिंह और उनके साथियो की फासी हिंसा नही दिखी .
छोड़िये इन बातों को क्या फ़ायदा . बापू आज भी आप चर्चा में रहते हो आपका मीडिया मैनेजमेंट इतना अच्छा था कि आप को अमर कर गया . बापू एक बात माननी पड़ेगी आप को अमर करने में गोडसे की बहुत बड़ी भूमिका थी . अगर गोडसे आपके प्रति हिंसा का प्रयोग नही करता तो आपकी गति भी जिन्ना की तरह होती .
बापू कभी तो आप से मुलाक़ात होगी .तो होंगी बाते . लेकिन बापू अपने बारे में सच लिखना और वह सच लिखना जो आप ही जानते हो बहुत ही कठिन है या कहें असम्भव है . यही आपकी आदत आपकी बहादुरी को दर्शाती है .
बापू आज आपकी पुण्यतिथी पर आपको श्रधांजलि
आपका ही
धीरू
सेवा में,
महात्मा गांधी
जहाँ में जहा कही भी हो