गर्मी ने मुझे भी नाकारा बना दिया । जून में सिर्फ़ चार पोस्ट ही लिख पाया जब से लिख रहा हूँ उस में सबसे कम । और नियमित लिखने वालो की ऊर्जा को सिर्फ़ अनुभव ही कर रहा हूँ । कैसे लिख लेते है रोज़ और वह भी इतना सार्थक । क्या मैं भटक गया हूँ ? पहले भी लिख चुका हूँ की आज तक कोई भी काम निरंतर नही कर पाया । ऐसा मानना मेरा जानने वालो का भी ख़ास कर मेरे पिता का ।
नियमित लिखने वाले लोगो से प्रेरणा लेकर उनकी ऊर्जा से कुछ अंश लेकर कोशिश करूँगा नियमित लिखू और ऐसा लिखू जो सार्थक हो । चुटकुलों पहेलियिओं से ऊपर उठ कर । आप से प्रार्थना है मेरे लिए कोई तरीका सुझाये जो मुझे निरंतरता बनाये रखने में सहायक हो ।
मंगलवार, जून 30, 2009
मंगलवार, जून 23, 2009
शान्ति की कीमत में समृद्धि क्या सही सौदा है ?
सुख और शान्ति की कीमत पर समृद्धि खरीदने वाले कितने दुखी होते है अंदर से , यह अध्यन और शोध का विषय है । आधुनिकता और विलासता की अंधी दौड़ रिश्तो नातो की बलि चडा कर क्या हासिल कर रही है । संतुष्ट एक ऐसा शब्द है जो सिर्फ़ शब्द कोष में ही दिखाई पड़ता है ।
एक प्रश्न यह उठता है इसका जबाब अपेक्षित है कि
शान्ति की कीमत में समृद्धि क्या सही सौदा है ?
एक प्रश्न यह उठता है इसका जबाब अपेक्षित है कि
शान्ति की कीमत में समृद्धि क्या सही सौदा है ?
मंगलवार, जून 09, 2009
महि को हिला रहा है महिला आरक्षण - आपका क्या विचार है ?
महि को हिला रहा है महिला आरक्षण बिल । महि ही हिला दी उन नेताओं की जो कुछ बिरादरियों के दम पर अपनी दुकाने चला रहे है । कोई सुकरात बनने की धमकी देता है । सुकरात क्यों ........ जहर पिया इसलिए या उनकी पत्नी इतनी कर्कश थी इसलिए ? पता नही
आज तो हद हो गई श्री लालू प्रसाद ने तो छोटे दलों के अस्तित्व को ही खतरा बता दिया महिला आरक्षण को । यह वह महान लोग है जो आरक्षण को हथियार और ढाल बना कर ही अपनी रोज़ी और रोटी चलाते है । और आपात स्थिति में अपनी घरेलू महिला को ही गद्दी सौपते है ।
ऐसा क्या है महिला आरक्षण में । ३३% विधायिका में आरक्षण महिलाओ के लिए । लेकिन आरक्षण में आरक्षण चाहते है कुछ लोग ।
क्या आप भी सहमत है जातिगत आरक्षण के लिए ?
क्या पंथ निरपेक्ष गणतंत्र में जाति वादी आरक्षण की जगह होनी चाहिए ?
क्या उन धर्मो को भी आरक्षण मिलना चाहिए जिसमे जाति व्यवस्था नही है ?
आज तो हद हो गई श्री लालू प्रसाद ने तो छोटे दलों के अस्तित्व को ही खतरा बता दिया महिला आरक्षण को । यह वह महान लोग है जो आरक्षण को हथियार और ढाल बना कर ही अपनी रोज़ी और रोटी चलाते है । और आपात स्थिति में अपनी घरेलू महिला को ही गद्दी सौपते है ।
ऐसा क्या है महिला आरक्षण में । ३३% विधायिका में आरक्षण महिलाओ के लिए । लेकिन आरक्षण में आरक्षण चाहते है कुछ लोग ।
क्या आप भी सहमत है जातिगत आरक्षण के लिए ?
क्या पंथ निरपेक्ष गणतंत्र में जाति वादी आरक्षण की जगह होनी चाहिए ?
क्या उन धर्मो को भी आरक्षण मिलना चाहिए जिसमे जाति व्यवस्था नही है ?
शुक्रवार, जून 05, 2009
पच्चीस साल हो गए ओपरेशन ब्लू स्टार को - आइये आसूं बहाए
ठीक पच्चीस साल पहले एक आग को बुझाने के लिए दवानल फैला दिया गया और वह दवानल हजारो निर्दोषों और दोषियों को निगल गया । उसमे एक थी श्रीमती इंदिरा गाँधी भी ।
हाँ मैं बात कर रहा हूँ ओपरेशन ब्लू स्टार की । जो एक बहुत बड़ी राजनितिक भूल साबित हुआ था । सेना को पवित्र स्वर्ण मन्दिर में मय टैंको के घुसा दिया गया एक भिंडरावाले को मारने के लिए जिसे ताकत राजनीतिज्ञों ने दी अपने विरोधियों को नीचा दिखने के लिए ।
भिंडरावाले को संत कहा जाने लगा तमाम नेता ,धार्मिक गुरु ,पत्रकार उसके दरवार में हाजिरी लगाने लगे । खालिस्तान की मांग चरम पर पहुच गई । शांत पंजाब आतंक की आग में धधकने लगा । हजारो निर्दोष मारे गए । जख्म आज भी नही भरे है पच्चीस साल बाद भी
एक चौथाई शताब्दी बीत गई लेकिन सबक आज भी नही लिया दुनिया ने , आज भी लादेन जैसे पैदा कर दिए जाते है फ़िर ओपरेशन चलाये जाते है और कौमों को कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है ।
आइये पच्चीस साल बाद उन बेबकूफियों पर आसूं बहाए जो पच्चीस साल की गई । जिसकी आग में इंदिरा गाँधी ,जनरल वैद्द्य जैसे कई लोग जिनकी देश को जरूरत थी भी जल कर ख़ाक हो गए ।
नीला तारा की विवेचना होनी चाहिए सरकारी श्वेत पत्र के आलावा
हाँ मैं बात कर रहा हूँ ओपरेशन ब्लू स्टार की । जो एक बहुत बड़ी राजनितिक भूल साबित हुआ था । सेना को पवित्र स्वर्ण मन्दिर में मय टैंको के घुसा दिया गया एक भिंडरावाले को मारने के लिए जिसे ताकत राजनीतिज्ञों ने दी अपने विरोधियों को नीचा दिखने के लिए ।
भिंडरावाले को संत कहा जाने लगा तमाम नेता ,धार्मिक गुरु ,पत्रकार उसके दरवार में हाजिरी लगाने लगे । खालिस्तान की मांग चरम पर पहुच गई । शांत पंजाब आतंक की आग में धधकने लगा । हजारो निर्दोष मारे गए । जख्म आज भी नही भरे है पच्चीस साल बाद भी
एक चौथाई शताब्दी बीत गई लेकिन सबक आज भी नही लिया दुनिया ने , आज भी लादेन जैसे पैदा कर दिए जाते है फ़िर ओपरेशन चलाये जाते है और कौमों को कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है ।
आइये पच्चीस साल बाद उन बेबकूफियों पर आसूं बहाए जो पच्चीस साल की गई । जिसकी आग में इंदिरा गाँधी ,जनरल वैद्द्य जैसे कई लोग जिनकी देश को जरूरत थी भी जल कर ख़ाक हो गए ।
नीला तारा की विवेचना होनी चाहिए सरकारी श्वेत पत्र के आलावा
सोमवार, जून 01, 2009
आज की द्रोपदी भाजपा का चीर हरण पतियों के द्वारा
कलयुग की द्रोपदी सी लगने लगी है बेचारी भाजपा । द्रोपदी और भाजपा में कुछ समानता है , द्रोपदी के कई पति थे और भाजपा के भी आर .एस.एस , विहिप , हिंदू जागरण मंच , बजरंग दल , विधार्थी परिषद आदि जैसे कई पति है । द्रोपदी और भाजपा की दूसरी समानता यह है दोनों के पतियों ने उसे दांव पर लगाया ।
लेकिन द्रोपदी और भाजपा में एक असमानता शायद कलयुग के कारण है - वह यह है बेचारी द्रोपदी का चीर हरण कौरवो ने किया यानी दुश्मनों ने किंतु बेचारी भाजपा का चीर हरण तो उसके सगे पतियों ने ही सरे आम कर दिया और कोई कृष्ण भी न आ सका भाजपा को बचाने के लिए । द्रोपदी रूपी भाजपा का विलाप उनके ही कोरवो रूपी पतियों के अट्टहास में दव रहा है । बेचारी भाजपा को अपने पतियों के जिन्दा रहते हुए सती हो जाना ही एक विकल्प रह गया है ।
इस भाजपा को बचाने कृष्ण क्यो नही आए सवाल विचारणीय था उत्तर खोजा तो पता चला उसके पतियों ने श्री राम को लूटा , उनको विवादों में घसीटा इसी गुस्से के कारण कृष्ण भाजपा का चीर हरण होने पर भी सामने नही आए । और कृष्ण कौन ? .............. अरे वही आम जनता ।
लेकिन द्रोपदी और भाजपा में एक असमानता शायद कलयुग के कारण है - वह यह है बेचारी द्रोपदी का चीर हरण कौरवो ने किया यानी दुश्मनों ने किंतु बेचारी भाजपा का चीर हरण तो उसके सगे पतियों ने ही सरे आम कर दिया और कोई कृष्ण भी न आ सका भाजपा को बचाने के लिए । द्रोपदी रूपी भाजपा का विलाप उनके ही कोरवो रूपी पतियों के अट्टहास में दव रहा है । बेचारी भाजपा को अपने पतियों के जिन्दा रहते हुए सती हो जाना ही एक विकल्प रह गया है ।
इस भाजपा को बचाने कृष्ण क्यो नही आए सवाल विचारणीय था उत्तर खोजा तो पता चला उसके पतियों ने श्री राम को लूटा , उनको विवादों में घसीटा इसी गुस्से के कारण कृष्ण भाजपा का चीर हरण होने पर भी सामने नही आए । और कृष्ण कौन ? .............. अरे वही आम जनता ।
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