बुधवार, मई 26, 2021

अप्पो दीपो भव

 भोग विलास वैभव ऐश्वर्य के बीच भी यदि आपको कष्ट दुःख परपीङा का अनुभव होता है तब ही सिद्धार्थ से बुद्ध तक का सफर पूरा होता है। 

राजकुमार सिद्धार्थ इक्ष्वाकु वंश में जन्मे , मोहमाया को त्याग के विश्व कल्याण के लिये समाज मे व्याप्त द्वन्द को हटाने के लिये राज प्रासाद से निकल कर सत्य की खोज करते करते बुद्ध बन जाते है। 

तथागत बुद्ध का एक सन्देश है अप्प दीपो भव , अपना प्रकाश खुद बनो ,  अपना नेतृत्व खुद करो। किसी दूसरे की रोशनी में कब तक चलोगे एक समय पर आकर उसकी राह परिवर्तित हो सकती है। इसलिये अपने अंदर का दीप जलाओ। 

बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

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