सोमवार, अप्रैल 12, 2010

राजनीति और राजनितिज्ञो में हो रहे पतन के लिए सबसे ज्यादा कोई दोषी है तो वह है सभ्य समाज .

राजनीति एक शब्द जो जुबान पर आते ही कसैला सा लगता है और नेता का शब्द आते ही मन में एक आह सी निकलती है . आज राजनीति और राज नेता को अछूत सा मानने लगा है सभ्य [?] समाज . वह सभ्य समाज जो जानता है लोकतंत्र में लोक के द्वारा जो तंत्र हाका जाता है वह इन्ही राज नीति और नेता के माध्यम से ही हाका जाता है . एक आम आदमी ही  राजनीति के माध्यम से देश का प्रधानमन्त्री तक बन सकता है .

इतने गंभीर प्रोफेशन के प्रति आम जन उदासीन है . आज नौनिहालों को डाक्टर ,इंजिनियर ,वैज्ञानिक ,आई ए एस ,पायलट ,यहाँ तक की मोडल ,एक्टर तक बनाने को प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन देश को, प्रदेश को नेतृत्व करने वाले ,प्रतिनिधित्व करने वालो नेता बनने  के लिए कोई प्रोह्त्साहित नहीं करता . जब गलत हाथो में देश डोलने लगता है तो हतौत्साहित होकर सिर्फ मन ही मन गाली देने के अलावा समाज कुछ नहीं कर पाता .

इस गंभीर विषय को हम अगंभीर मानते है तभी घोटाले ,भ्रष्टाचार ,सामाजिक वैमनस्य जैसे कोढ़ समाज में फैलते है . क्या नेता होना दोयम दर्जे की बात है जबकि नेता के आगे सब समर्पित हो जाते है .

नेताओ से परहेज कहा तक सही है जबकि वह देश चलाते है ,कानून बनाते है . राजनीति एक सीढ़ी है जो देश का ,समाज का नेतृत्व कर सकती है . राजनीति और राजनितिज्ञो में हो रहे पतन के लिए सबसे ज्यादा कोई दोषी है तो वह है सभ्य समाज .
आप की उदासीनता के कारण ही वह लोग आपका नेतृत्व करते है जिन्हें आप फूटी आँख भी नहीं देखना चाहते .

6 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी भूलों का वर्तमान स्वरूप है लोकतन्त्र का पतन ।

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  2. राजनीति और राजनितिज्ञो में हो रहे पतन के लिए सबसे ज्यादा कोई दोषी है तो वह है (अ)सभ्य समाज.

    प्रजातन्त्र में अगर जनता नकेल अपने हाथ नहीं रख सकती, तो असभ्य ही मानी जायेगी।

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  3. हम आप के इन विचारों से शत-प्रतिशत सहमत हैं. बहुत से लोगों को यह कहते हुए सुना है कि राजनीति गन्दी जगह है, पर ऐसे बहुत से उदाहरण भी देखे हैं जो लड़ते रहते हैं इस भ्रष्ट तंत्र से. उन्हें नमन.
    पर आपका लेख अपनी जगह एक कटु सत्य को उदघाटित करता है.
    यदि गन्दा है तो साफ़ कौन करेगा !!
    हम ही न !!

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  4. बिल्कुल सही.... लेकिन ज्ञान जी की बात भी गौर करने काबिल है..

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  5. सच कहा है अपने ... और हम सबसे ज़्यादा कोई ज़िम्मेवार नही है इसके लिए ...

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा