शुक्रवार, फ़रवरी 05, 2010

विवादास्पद लिखो टिप्पणी पाओ - एक सफल प्रयोग



विवादास्पद लिखो टिप्पणी पाओ  . 

यही शिक्षा पायी मैने . बचपन में जब विज्ञान की किताब पढ़ा करता था उसमे लिखा देखा था आओ विज्ञान करके सीखे . वही प्रयोग मैने ब्लॉग में किया .जब सही लिखा तब वही आये मेरे पास जो जिनका स्नेह हमेशा से मुझे मिलता रहा . लेकिन जब विवादास्पद लिखा तो टिप्पणी  की बाढ़ आ जाती है . ऐसा मैंने प्रत्यक्ष देखा है .


कल जो मैंने लिखा उसके पीछे कोई कारण नहीं था ना ही में किसी छद्म ब्लोगर से परेशान था . मैंने एक प्रयोग किया की विवादास्पद लिखो तो क्या स्थिति होगी . और मुझे उम्मीद से कई गुना मिला . बहुतो ने पढ़ा और टिप्पणी की तो पुछीये मत . आप खुद ही महसूस कर सकते है पढ़ कर . 


खैर मैं यह समझ रहा हूँ की हम जैसे अल्प जानकार लोग विवादों के सहारे ही अपनी  पहचान बना सकते है मैं कहाँ तक सही हूँ यह तो आप लोग ही बता सकते है . हमारा दर्द है जब हम सार्थक लिखते है [यह हम समझते है ]तब हमको वह नहीं प्राप्त होता जो हम विवादित लिख कर प्राप्त कर सकते है . 


और कहने वाले तो कह ही गए है  बदनाम हुए तो क्या नाम ना  होगा . 



16 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ लोग तो सार्थक पोस्ट को भी बर्बाद कर देते हैं.... वैसे यह बात भी सही है कि विवादित चीज़ों पर लोग रस ज़्यादा लेते हैं.... ऐसे लोग सिर्फ मौज लेने के लिए आते हैं.... जब आप सार्थक लिखेंगे तो दो बोल प्यार के नहीं लिखेंगे ....हौसला नहीं बढ़ाएंगे.... और मज़े लेके चलते बनेंगे....

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  2. बढिया प्रयोग किया आपने .. पर विवादास्‍पद विषयों के चलने का मुख्‍य कारण इसमें रस लेना ही होता है .. ऐसी बात भी नहीं है .. हिन्‍दी भाषा में लिखने वाले ब्‍लॉगर की संख्‍या सीमित है .. एक दूसरे की समस्‍या से रूबरू भी होना चाहते हैं हम .. मुझे तो ऐसा ही लगता है !!

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  3. मेरे ख्याल से मानव स्वाभाविक मनोविज्ञान के अनुसार अक्सर नकारात्कमकता की तरफ़ ज्यादा आकर्षित हो जाता है । चलिए रविवार को आप आ ही रहे हैं तब बातें होंगी आमने सामने
    अजय कुमार झा

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  4. बहुत अच्चा लगा पड आप का

    ये प्रयोग हम ने भी किया हे
    अमृत 'वाणी'.कॉम
    http://kavyakalash.blogspot.com/

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  5. अच्छा रहा आपका प्रयोग सफल रहा. बस, काठ की हांडी बार बार मत चढ़ाईयेगा..जल जाती है!!

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  6. :) समीर जी की बात पर ध्यान देना होगा.
    घुघूती बासूती

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  7. इंसान को हमेशा प्रयोगवादी ही होना चाहिए, कुछ करने से ही सफलता मिलती है।

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  8. जमाना नकारत्मक सुचना को तुरत फुरत लेता है | |
    अब देखिये न किसी भले आदमी द्वारा किये गए जनकल्याण के कामो की कभी चर्चा नहीं होती पर गुंडों व बदमाशों के छोटे से छोटे कारनामे भी अख़बारों मेंप्रमुख समाचार बनते है |

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  9. धीरू भाई,
    आप राजनीति में नहीं गए...राजनीति नहीं जानती कि वो क्या मिस कर रही है...

    जय हिंद...

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  10. प्रयोग तो अच्छा रहा .......... पर लेखन होना चाहिए ..... मन से होना चाहिए .....

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  11. विचारणीय पोस्ट लिखी है....लेकिन समीर जी की बात भी सही है..

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  12. वाद-विवाद तो हमारा राष्ट्रीय शगल है.

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा