गुरुवार, सितंबर 04, 2008

बचपन बचाओ

बरेली मैं एक कॉन्वेंट स्कूल की बच्ची यामिनी ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूद कर आत्महत्या की कोशिश इस लिए की उसकी माँ ने कहा था कि अगर फेल हो जाओ तो मुह न दिखाना । और वो फेल थी ,माँ-बाप का प्रेशर ,टीचर की उल्हाना,साथियो की मजाक उसे मौत की और ले गई । आज भी वो जिंदगी की जंग लड़ रही है चुपचाप । कौन दोषी है ? इसका जवाब पाना है ,यह एक यामिनी की बात नही करोडो बच्चो का सवाल है -

आख़िर हम अपने बच्चो को क्या बनाना चाहते है ?उनसे हमारी क्या उम्मीदे है ?क्या अच्छे स्कूल ,महँगी फीस , सभी सुविधाए बच्चो को मेघावी बना सकती है ?

आज के माँ-बाप अपने बच्चो को बिल गेट्स बनाना चाहते मतलब अकल भी रखे और पैसा भी । कितने बिल गेट्स आज तक पैदा हुय ? यह दौड़ हमें कहाँ ले जायेगी । न जाने कितनी यामिनी अपनी जान की बाज़ी लगाय्गी अपने माँ -बाप के अरमानो को पूरा करने के लिए ..........


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