गुरुवार, मार्च 18, 2010

राजा मकरंद राय ने बनबाई मस्जिद और चुन्ना मियाँ ने मंदिर -ऐसा था शहर हमारा बरेली

अब आया हुआ तुफ़ान थम गया हमारे यहाँ बरेली में . कर्फ्यू में १४ घंटे की राहत मिली है लेकिन सख्ती बरक़रार है . शायद यह हमारे शहर के लिए अच्छा है . हालात तेज़ी से सामान्य हो रहा है . आम आदमी रोज़ी रोटी के लिए निकल चुका है शायद इस समय इससे ज्यादा जरुरी कुछ नहीं है . 


क्या हुआ इस शहर को ,किसकी नज़र लग गई उससे पहले  यह जानना बहुत जरुरी है कि गंगा जमुनी तहजीब का एक बहुत बड़ा केंद्र रहा है बरेली .इस शहर के चारो ओर मध्य में प्राचीन शिव मंदिर है . इस्लाम के बहुत बड़े मसलक के आला हज़रत का जन्म बरेली में ही हुआ . आम आदमी के लिए गाने योग्य रामायण को रचने वाले प. राधेश्याम कथावाचक की भी जन्मस्थली बरेली ही है . खानखाहे नियाजिया जो हर कलाकार की मंजिल है वह भी बरेली में है . 


राजा मकरंद राय ने यहाँ विशाल मस्जिद बनवाई तो फज़ल उर रहमान चुन्ना मियाँ ने विशाल लक्ष्मी नारायण मंदिर बनवाया जो चुन्ना मियां के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है इसका  उदघाटन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ . राजेन्द्र प्रसाद ने किया .  


बरेली के आस पास के जिलो में वैमनस्य फैला दंगे हुए तब भी बरेली शांत रहा . मुरादाबाद ,मेरठ ,अलीगढ ,बदायूं जो कुख्यात हो गए दंगो के लिए वहाँ तो शांती रही लेकिन हमेशा शांत रहने वाला बरेली सियासत के लोगो को बर्दाश्त नहीं हुआ और झोक दिया दंगो की आग में . 

१७ दिन से कर्फ्यू भुगत रहे बरेली की पीड़ा पर एक शेर सटीक है 
  
                                 दिल के फफोले जल उठे दिल की आग से 
                                  घर को आग लग गई घर के चिराग से 

बरेली के कुछ नेता राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना चाहते है एक मोहल्ले में रहने वाले कई भाइयो ने अपनी पार्टियाँ बना रखी सब अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है . और अपनी ताकत को दिखाने के लिए यह प्रयोग कर रहे है अपने शहर से . आखिर कांग्रेस ने इनके वोटो के लालच  में बिहार  तक इनका  प्रयोग किया .हवाई जहाज मुहैया कराये इन्हें . अब यह उड़ान पर है क्योकि मदर इण्डिया तक पहुच है इनकी लेकिन अपने वार्ड का चुनाव तक ना जीतने वालो को आगे बड़ाया राष्ट्रवादी हिंदूवादी भाजपा ने . अपने फायदे के लिए हर पार्टी इनका प्रयोग कर रही है . और उपभोक्ता अपनी ताकत जान चुका है और ताकत का एक छोटा सा नज़ारा १६ दिन के कर्फ्यू में बदल गया है . 

इब्तदा इश्क है रोता है क्या 
आगे आगे देखिये होता है क्या 


9 टिप्‍पणियां:

  1. क्या कहें सांप्रदायिक दंगे भड़काने वालो ...बरेली के बारे में आपने कई बढ़िया जानकारी दी हैं .

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  2. क्या सोचते हैं यह दंगे भड़काने वाले...

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  3. सत्रह दिन! कई लोग तो अवसादग्रस्त हो गये होंगे!

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  4. bareli ke baare me itani jankari aapase mili ,jise padh kar bahut hi achh laga.
    poonam

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  5. काश दंगे भड़काने वाले इतना सोच सकते ... अपनी अपनी तलवार मांझ रहे हैं ....

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  6. धीरु भाई जी
    आपने तो ये छोटी सी गली में रहने वाले इस राष्ट्रीय अध्यक्षों वाले खानदान की बिल्कुल सही पोल खोली..आपने यह भी सही बताया कि भाजपा के एक छोटी सोच वाले तथाकथित राष्ट्रीय नेता ने किस तरह से इन गुण्डों को आगे बढ़ने में मदद की..लेकिन बरेली को इन गली के गुण्डों से बचाने की जिम्मेदारी केवल आपकी नहीं है..बल्कि पूरे बरेली की है...क्योंकि अगर इस गुंडे की सही औकात नहीं बतायी ..तो कल को यह किसी का भी घर,दुकान जलायेगा..औरतों की बेइज्जती करेगा...और यह घर, दुकान व औरत किसी भी राजनीतिक समर्थक हो सकते हैं..यह पूछ-पूछ कर तुम्हारे घर में आग नहीं लगायेगा..कि किस पार्टी के हो भाई ..बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा.किसा पार्टी के हो.....यह खानदान.. हिन्दू मुसलमानों में नफरत पैदा करवायेगा...और नेताओं को मूर्ख बनाकर उनसे पैसे ऐंठते रहेगा...यह गुण्डे बरेली के साथ-साथ कौम के भी दोषी है...बरेली को दंगों में झोकने वाले से पूछिये कि आज तक उसने एक भी ऐसा काम किया है जो बरेली और देश की भलाई के लिए हो...अपने वार्ड में खड़ा हो जाये तो औकात पता चल जायेगी...बरेली वासी तो इससे इतने नाराज हैं कि आगे से कोई भी नेता इस घटिया आदमी के दरवाजे पर जूते चाटने गया तो उसी नेता की जमानत जब्त करा दी जायेगी...और बीजेपी के नेता ये ना सोचे कि बरेली वासी मूर्ख है..पूरा बरेली जानता है कि इन नेता जी की इस गुंडे से कैसी दोस्ती है..क्यों यह गुंडा ..नेता जी के प्रभाव वाले बैंक में डायरेक्टर है..कैसे इन महान बीजेपी नेता की वजह से बरेली जिले से बीजेपी का सफाया हो गया..गडकरी जी को भी इसकी पूरी जानकारी पहुचाई जानी चाहिए...
    इसलिए बरेली के लालची नेताओं को चेतावनी..जिसने भी बरेली के घरों व दुकानों में आग लगाने वाले और औरतों की बेइज्जती करने वाले इस गुंडे की जूता चटाई की उसको उसकी औकात इस बार बरेली की जनता दिखायेगी...
    माननीय नेताओं अपनी बुद्धि लगाओं..इस गुंडे के कहने से कोई वोट नहीं देता..वरना ये खुद विधायक व सांसद क्यों नहीं बन जाता...इतना जरूर है कि इसकी निकटता की वजह से आपके वोट कट जरूर जाते हैं....

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा