रविवार, अप्रैल 19, 2009

जनता की परेशानी और मंत्री जी का सच , क्या आप जनता की मदद करना चाहेंगे ?

बहुत साल पहले की बात है एक व्यक्ति समाज की सेवा और क्षेत्र के विकास का सपना लेकर चुनाव लड़ा । जनता ने बदलाव की आस मे वोट दिया और उसे जीता दिया । अब वह माननीय सांसद थे , विकास का वादा उनेह बखूबी याद था । लोकसभा ज्यादा न चल सकी २ साल के अंदर फ़िर चुनाव आ गए . जनता के बीच फ़िर गए बताया की भाई विकास की प्रक्रिया शुरू ही होनी थी चुनाव फ़िर आ गए । जनता भी समझती थी इसलिए फ़िर वोट दिया और बना दिया सांसद ।

पुरे ५ साल विकास होता रहा सांसद जी का ....... फ़िर चुनाव आ गए नेताजी फ़िर जनता के बीच आए बोले विकास हुआ जनता बोली कहाँ ? नेताजी बोले देखिये ध्यान से मेरा विकास हुआ कि नही जनता बोली हां हुआ लेकिन हमें क्या मिला । नेता जी ने कहा अब आपकी ही बारी है । जनता साफ़ गोई से खुश हुई फ़िर वोट दिया फ़िर दिल्ली भेजा ।

अगली बार भी चुनाव जल्दी हो गए जनता फ़िर समझ गई मज़बूरी थी वोट दिया एक बार फ़िर दिल्ली अबकी किस्मत मेहरबान थी बन गए मंत्री । विकास शुरू तूफानी गति से , नेताजी खुश जनता नेताजी को देख कर खुश ।

५ साल बीत गए । जनता कुछ समझदार थी उसने मंत्री जी को घेर लिया कि वोट क्यो दे ?

मंत्री जी बोले विकास के लिए ।

जनता बोली -किसका विकास ?

मंत्री बोले आपका विकास ।

जनता परेशान अब तक क्यो नही किया विकास ,

मंत्री जी बोले हे अर्यापुत्रो ,हे अर्यापुत्रिओं आपने मुझे आज यहाँ तक पहुचाया मैं आपका शुक्रगुजार हूँ मैंने अपना विकास किया फ़िर अपने रिश्तेदारों को फ़िर अपने चेलो का , अब मुझे विकास कि कोई आवश्यकता नही अब जनता ही है जो विकास का स्वाद चखेगी । अगर आप अब भी संतुष्ट नही है तो आप कुछ भी करने को स्वतंत्र है लेकिन एक बात अगर आप नया चुनेगे तो यही क्रिया फ़िर अपनाई जायेगी । आपको फ़िर २० साल इंतज़ार करना पड़ेगा । अगर आपको इंतज़ार करना है तो कोई बात नही लेकिन विकास चाहिए और तुंरत विकास चाहिए तो मुझे ही जिताए ।

जनता परेशान है विचार कर रही है क्या आप मदद करेंगे ? जनता को तुंरत विकास चुनना चाहिए या विकास के लिए २० साल और इंतज़ार करना चाहिए

12 टिप्‍पणियां:

  1. इससे बेहतर है कि जनता अपने बेटे का नाम विकास और बेटी का प्रगति रख ले!

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  2. हा हा हा।सटीक।लगता है यही गणित बहुत से नेताओ को रिपीट करवा रहा है।बहुत बढिया।

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  3. वाह क्या सही सटीक बात लिखी............अब तो मजबूरी है विकास क लिए वोट देना ही पढेगा इन मंत्री साहब को

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  4. ऐसा नेताओ के लिए जरनेली जूता कैसा रहेगा??:)))

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  5. अब मंत्री महोदय की क्‍या गलती ... अपने ,अपने रिश्तेदारों और अपने चेलो के बाद ही तो जनता की बारी आ सकती है ।

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  6. विकास तो हुआ है लेकिन महँगाई का हुआ है । गरीब जनता का तो शोषण ही हुआ है ।

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  7. विकास के लिए जीवनदान...फिर जीवनदान और एक बार फिर जीवनदान...ये हमारी मजबूरी है लेकिन इसके बावजूद अगर कोई काम न करे तो उसके लिए जैदी और जरनैली ब्रांड के जूते बहुत जरूरी हैं. चुनाव जिताए लेकिन काम न होने पर तमाचा मारने से मत चूकिए तभी लोकतंत्र का असली मजा आपको समझ में आयेगा.

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  8. पाण्डेय जी का सुझाव अच्छा है - वैसे बच्चों के नाम सरकार, प्रशासन, तसल्ली-बख्श, और राम-राज्य भी रखे जा सकते हैं.

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  9. विकास कराने वाले को तो कोई वोट ही नहीं देता ! १९७७ राजस्थान में जनता पार्टी की सरकार बनी भैरों सिंह जी मुख्यमंत्री बने ! काम के बदले अनाज योजना के तहत हमने तो विकास क्या होता है तभी देखा ! उनके कार्यकाल में ही हमारे खेतों में बिजली पहंची और सिंचाई से फसले होने लगी , इस उपज से हमारे यहाँ एक कृषक जाति का सबसे ज्यादा भला हुआ लेकिन उस जाति के लोगों ने भैरों सिंह जी को या उनकी पार्टी को कभी वोट नहीं दिया और जब कभी दिया तो उसी हालात में दिया जब उस जाति विशेष का उमीदवार भैरों सिंह जी की पार्टी से खडा हुआ | जब तक हम जाति,सम्प्रदाय आदि के हिसाब से वोट देंगे तब तक विकास की उम्मीद ना करे ! ऐसी हालात में तो नेता अपना ही विकास करेंगे !

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  10. भाई धीरू,
    पहले जो किराए के हेलीकाप्टर से आते थे प्रचार करने,
    सुना इस बार कईयों ने अपना खुद का खरीद लिया है......

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  11. जब तक अपना विकास नहीं होगा देश का कैसे होगा. पिछली पोस्ट के बारे में - आप बतायें कि हाजी याकूब और आपही के यहां के मौलाना (नाम ध्यान नहीं आ रहा)के बारे में क्या ख्याल है आपका.

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  12. असमानता, असंतोष ,अबिश्वास,और संघर्ष --शायद इनका विकास सबसे ज्यादा है !!

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा