शुक्रवार, जनवरी 02, 2009

पाकिस्तान किससे से मानेगा -कूटनीति से या कूटने की नीति से

आतंक की छावं मे देश चलता रहे और इसके सिवा हम कर ही क्या सकते है । पहली जनवरी का असम मे हुआ धमाका हैप्पी न्यू इयर के शोर मे दब गया । यदि यह धमाका दिल्ली या मुंबई मे होता तो इसकी आवाज़ ज्यादा सुनाई पड़ती । हम और हमारे हुक्मरानों को केवल एक बात आती है आतंक पाकिस्तान प्रयोजित है और पाकिस्तान कड़ी कार्यवाही करे । चोर से चोकीदारी की आशा कही न कही हमारी कायरता की ओर इशारा तो करती ही है । हम कूटनीति कर रहे है वही कूटनीति जो पचासवे दशक में पंडित नेहरू ने कश्मीर के लिए की थी ।

हमारा पड़ोसी पकिस्तान कूटनीति नही कूटने की नीति ज्यादा समझेगा ऐसा मुझे ही नही आप को भी विश्वास होगा । यह तो है हमारा सियापा ।

अब थोडी सी चर्चा एक छोटे से देश की, नाम है उसका इस्रायल मुट्ठी भर लोग और होसला दुनिया से टकराने का । आतंकी खुराफातों से परेशान हो आर पार की लडाई शुरू कर चुका है । हमास को नेस्तनाबूद करने के लिए संघर्ष जारी और उनके मंत्री का बयाँ उनकी इच्छा शक्ति को दर्शाता है । इस्राइल का यह हमला मुंबई हमले मे मरे अपने इस्रायलियो के लिए एक श्रीध्न्जली भी है ऐसा लगता है ।

और हम कूटनीति प्रयास कर रहे है अपने अंकल सेम की ओर देख रहे है आंटी राईस पकिस्तान को समझाने आ चुकी है २० जनवरी के बाद यही काम हिलेरी आंटी करेंगी । हमारे भारत के नेता खुश है की कूटनीति कर रहे है और हम भारत के वासी चाह रहे है की पाकिस्तान के लिए कूटने की नीति होनी चाहिए ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. लातो के भुत बातो से नही मानते, लेकिन लात मारे के लिये भी दम चाहिये,
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. नाही कूटनीति से ना ही कूटने की नीति ये तो मानेगा बस कुत्ते की नीति से ...


    अर्श

    जवाब देंहटाएं
  3. धीरू आप सच कहते हैं उसे मानना तो केवल कूटक नीति से है पर क्या आपको नही लगता की भारत यह मुका तेजी से गवांता जा रहा है !

    जवाब देंहटाएं
  4. कब चलना है कूतने बता देना । अब की बार पूरी तैयारी से चलेंगे एक बार में ही काम तमाम करो , ताकि रोज़ रोज़ की झंझट से निजात मिले ।

    जवाब देंहटाएं
  5. पाकिस्तान के लिये आपने बहुत ही सटीक 'नीति' ढ़ूढ़ निकाली है - 'कूटने की नीति'. यही कारगर होगी।

    जवाब देंहटाएं
  6. सही नीति तो कूटने की नीति ही है, पर यह नीति अमरीका और इस्राइल ही फालो करते हैं. दूसरों को अमरीका यह नीति न फालो करने की सलाह देता है.

    जवाब देंहटाएं
  7. kutneeti se hi jab dum nikal jayega pak ka to kut ke haath kyun kharaab karen? Lekin chinta yah hai ki humko kutneeti bhi nahi aatiii..........abhi gaye hain chidambaram US, permission lene.....

    जवाब देंहटाएं
  8. kootne se hi manega... (vo bhi sirf 10-20 saal ke liye)
    uske baad fir kootna padega...
    kuchh log sadabahar kutaayee ke aasiq hote hen

    जवाब देंहटाएं
  9. बात तो ठीक ही कर रहे हैं आप लेकिन यह बताओ की पाकिस्तान इससे हमसे कुटापा खा नही चुका ? कोई एक बार थोड़ी कूटा पिटा है.....जब जब हमसे पंगा लिया है , तब तब मुंह की ही खानी पडी है। लेकिन अकल है कि आ ही नही रही ! पंजाबी में कहावत है ना " ज्यों दे जम्मे - बोदियों लम्मे" यानी जब से पाकिस्तान का जनम हुआ है तब से हमसे मार खाना उसका परम धरम ही बना हुआ है , क्योकि उंगली करने से वो बाज़ तो आने से रहा !! क्यो ना इस बार यह सिलसिला हमेशा के लिए ख़तम ही कर दिया जाए ! लेकिन क्या यह सब यूँ सिर्फ़ बातें करने से मुमकिन होगा ? ज़रा सोचें !!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  10. कहावत है जो भूत बातो से नही वे लातो से मानते है यही हमारे बुजुर्ग कहते चले आए है पर कोई तो अमल करे. नेताओ के आसरे तो हम लाते भी नही मार सकते है उन्हें ?
    बहुत बढ़िया जी लिखते रहिये जी

    जवाब देंहटाएं
  11. पाकिस्तान के लिए तो कूटने की नीति ही ठीक रहेगी !

    जवाब देंहटाएं

आप बताये क्या मैने ठीक लिखा