गुरुवार, नवंबर 13, 2008

भारत का पहला और आखिरी बम्ब धमाका मालेगावं में

भारत एक शांत देश है । यहाँ के नागरिक भोले है [समीर जी के सुसंस्कृत शब्दों के अनुसार ] यहाँ आज तक कोई हिंसा की घटना नही हुई । १९४७ से आजतक धमाके सिर्फ़ दिवाली के पटाखों के रूप में हुए । कश्मीर शांत ,असम शांत ,और तो और कोई नक्सली आतंक नही कोई समस्या नही अमन चैन से रहने वाले भोलो में से बहुसंख्यक जाति के एक सिरफिरी दुर्दांत आतंकवादी प्रज्ञा सिंह ने भारत में पहली बार एक बम्ब माले गावं में फुड़वा दिया । जिसमे पहली बार कुछ लोग शहीद हो गए ।

प्रज्ञा सिंह ने एक अछम्य अपराध किया देश की शान्ति भंग की उसका उसे ऐसा दंड मिलना चाहिए जिससे पूरी दुनिया में एक संदेश जाए कि भारत आतंक के खिलाफ कितना सजग है । और हम भोले लोग आतंक को कभी सहन नही करेंगे । हमारी सेना के कुछ शातिर लोगो ने बम्ब बनाने में सहायता कि उन पर भी कार्यवाही होगी और इस बात कि भी सज़ा मिलेगी बम्ब क्यो बनवाया हम तो बम्ब अपने दुश्मनों पर भी नही चलाते ।

हम शर्मिंदा है भारत के पहले और आखरी बम्ब धमाके के लिए ,सारी दुनिया के चतुर लोगो से छमा चाहते है हम प्रज्ञा सिंह जैसे विषधर को समाप्त करके ही दम लेंगे । जिससे हमारे अफजल जैसे भाई बदनाम न हो ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. आपका दर्द मैं समझ सकता हूँ क्योंकि मैं भी यही दर्द महसूस करता हूँ.

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  2. मैं भी आपकी और सुरेश जी की तरह यही दर्द महसूस करता हूँ

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  3. मेरी भी संवेदनायें समेट लीजिये… और उसे धरती के स्वर्ग कश्मीर में भेज दीजिये जहाँ सिर्फ़ साधु-संत ही रहते हैं…

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  4. सही कहा है
    दरअसल अमेरिका के टावर भी हिन्दुओं ने ही तोड़े होंगे. बेचारे इस्लामिक दहशतगर्द तो मुफ्त में बदनाम हुये हैं. आदरणीया सोनिया जी, श्री श्री 420 अमरसिंह जी और मौलाना अफजल जी की खातिर प्रज्ञा ठाकुर को यह इलजाम स्वीकार कर ही लेना चाहिये, भले ही चार चार नार्को टेस्टों में वह बेदाग साबित हुई हो.

    जय सेकूलरिये
    जय CON-gress
    जय अफजल

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  5. सेक्यूलरवादियों के साथ मेरी पूरी हमदर्दी

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  6. शांति‍!शांति‍!शांति‍!
    भोले! भोले! भोले!

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  7. वाकई, ऐसा ही लगने लगा है. एक घुटन का अहसास होता है. आपने बहुत सधा वार किया है और मन की बात पूरी कह दी.

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  8. दर्द को बाटने से दर्द कम होता है, अभी वार ब्‍लाग से कह रहे है समय आने पर वोट से भी कीजिऐगा।

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  9. भारत माता की जय बोलो. मन को शांति व दृढता मिलेगी.

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  10. बङा आश्चर्य होता है...नहीं अब नहीं होता कि मौहल्ले मैं रहने वाले निर्मल आनंद एक हिंदुस्तानी जी जिनको अफलातूनी की आदत है यहां ऐसी पोस्ट पर दिखाइ नहीं देते...सहमति नहीं तो विमत देने तो आयें ....मैं सुरेश भाई से पूर्ण सहमत...धरती का स्वर्ग काश्मीर....हा.हा...हा.............

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  11. Aap Patil shahab se punchh sakte hain Sonia madam ne hi aissa karne ko kaha tha jisse bhayya& Marathi aag par paani par jaaye

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  12. ये आपने अच्छा किया जो समय रहते साध्वी से पल्ला झाड लिया और मियां अफ़ज़ल को गुरु स्वीकर कर लिया । वक्त रह्ते चेतने वाले आप काफ़ी समझदार जान पडते हैं । देश में अमन - चैन से रहना है ,तो मुंह बंद करके तथाकथित सेक्युलर लोगों के इशारों पर चलना सीखने में ही भलाई है ..... ?

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  13. बिल्कुल ठीक कहा आपने... मैं भी आपके साथ हू.. लगे हाथ अफ़ज़ल के लिए 10 जनपथ पर एक स्थाई निवास की व्ययवस्था भी कर दी जाए.. और इंडियन मुझहिद्दीन और सिमी को वहा का आजीवन कार पास भी दे दिया जाए..

    लेकिन हा जिन्होने माले गाँव में ब्लास्ट किया है उनको सड़क पर सारे आम फाँसी दी जानी चाहिए..

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  14. आप सब का होसला अफजाई का शुक्रिया . मैं तो इंतज़ार कर रहा था कोई तो विरोध करेगा लेकिन एक भी ऐसे सज्जन या सज्जनी नहीं आये जो आग उगलते . शायद सब की अंतरात्मा वोही सोचती है जो हम सोचते है . लेकिन अपनी अपनी मजबूरी है विरोध के लिए विरोध परम्परा बन गई है . कुछ लोगो का काम ही है नकारात्मक चिन्तन व लेखन . इश्वर उनेह सदबुद्धि दे

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा