गुरुवार, अगस्त 28, 2008

नवाब सरताज वली खां का कहना

नवाब सरताज वली खां बरेली के एक जानी मानी हस्ती है। ८५ साल के नवाब सहाब कांग्रेस के सदर आजादी के दीवाने रह चुके है । आज अपनी बड़ी सी हवेली में अकेले रहने वाले नबाब सहाब ईद मनाये या न मनाये १५ अगस्त ,२६ जनवरी उसी शान से मनाते है ।

नबाब साहब गाँधी जी के सच्चे भक्त है । वोह अपने दिल में एक जवालामुखी दबाये बैठे है । नबाब साहब से बात हुई उसके कुछ अंश -



१९४२ में जब अंग्रेज भारत से हटने की तय्यारी कर रहा था ,उसी समय जिन्ना ने लाहौर में कहा हिंदू और मुस्लिम के लिए दो देश होने चाहिए । पाकिस्तान दो देशो की थ्योरी पर बना ,लकिन उस समय हिंदू भाइयों ने दरियादिली दिखाते हुऐ अपने मुस्लिम भाइयों को वहा जाने से मजबूर नही किया । यह उनकी गलती थी,हिंदू हमेशा बड़े दिल वाला रहा उस ने तो बड़प्पन दिखाया लेकिन मुसलमान यह न कर सके उसका परिडाम अयोध्या ,मथुरा ,काशी ,कश्मीर,राम सेतु ,और न जाने कितने विवाद भारत को परेशान कर रहे है।

उनका कहना है जब तक हिंदू एक नही होगा ,मजबूत नही होगा और अपने छोटे भाई मुसलमानों को नही समझायेगा तब तक हिन्दुस्तान तरक्की नही करेगा । हिंदू रीड है इस देश की भाई उसे मजबूत करो ।

नबाब साहब का कहना यह बताता है की हर मुसलमान यह बात सोच ले तोह कोई समस्या नही रहेगी ।

नबाब साहब के विचार धरोहर है इन पर अगर अमल हो जाए तो सच में भारत फिर से महान हो जाइ (धीरू)

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