सोमवार, सितंबर 01, 2008

जम्मू जीत गया .

संगठन में शाक्ती होती है ,अगर यह मुहाबरा भूल गए हो तो जम्मू का जोश देख लीजिये । जम्बुबासियो की यह जंग अपने आत्म सम्मान जागने के कारण हुई ,और सबसे खुशी की बात कोई बाहरी नेतृत्व नही ,कोई साहयता नही , और सबसे बड़ी बात लडाई अपने लिए नही अपने देश के लिए अपने देश वासियो के लिए । हम तो नही थे लकिन आजादी की लडाई भी तिरंगा लेकर इसी जज्बे से लड़ी गई होगी । लेकिन उस समय गोलियां दुश्मनों ने चलाई इस बार अपनों ने ,बस यही एक फरक था तब में और अब में । अब जम्मू जीत गया उसका स्वाभिमान जीत गया और इस जीत का जश्न हम सबको मनाना चाहिए क्योंकी यह संकेत है एकता का ,संगटन का , और अपनी कायरता से पीछा छुडाने का ।

जो होता है होने दो यह पौरुष हीन कथन है ,

हम जो चाहेंगे वह होगा इन शब्दों में जीवन है ।

1 टिप्पणी:

आप बताये क्या मैने ठीक लिखा