आज एक अखबार मैं कार्टून देखा ,हम शिक्षक दिवस क्यों मनाते है ?उत्तर था सर ,मेम को गिफ्ट देने के लिए । कितना सही था वो कार्टून एकदम खरा । मेरी बेटी भी परेशान थी गिफ्ट ले जाने के लिए और वह ले कर भी गई । आज सुबह से ही फूल वाले अपनी दुकाने खोले बैठे थे ,और शिष्य व शिषाये अपने गुरुओ को इम्प्रेस करने के लिए बुके खरीद रहे थे ।
यह डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन कौन थे और आज उनका जनम हुआ था ,अच्छा वो सेकेंड प्रेजिडेंट थे अपने देश के ,टीचेर भी थे ऐसे जबाब मिलेंगे अगर पूंछे तो आप । क्या होगा हमारी आगे आने वाली नस्लों का - आज बच्चे हिन्दी,इंग्लिश ,मथ्स,फिजिक्स ,केमेस्ट्री ,बायो,जी के ,कम्पुटर और बहुत से तो मुझे याद नही बोह सब पढ़ते है लेकिन अपना देश ,अपने पूर्बज ,अपनी संस्कीरती के बारे मैं न बो पढ़ते थे है न हम पढाते है क्योंकि उस से पर्सन्टेज पर फरक नही होता । आज हर काम फायदे के लिए करना सिखाया जाता है चाहे बोह पढाई हो या दुनिआदारी ...........
शिक्षण एक गरिमायुक्त कार्य है, पर अब उस में गरिमा नहीं रही, बस गिफ्ट रह गई है.
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