सोमवार, सितंबर 08, 2008

ऐ खुदा

ऐ खुदा
इंसानियत ,ईमान ,खुद्दारी ,इज्ज़त ,एहतराम
को दाखिल किताबी कर दे
इसे ज़माने में सिर्फ इतना कर दे
दूसरो की ख़ुशी अपनी से लगे
और उसके गम हमें ग़मगीन कर दे
ऐ खुदा सिर्फ इतना कर दे

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