सब सुधरेगें जब तीन सुधारे -नेता ,अधिकारी और कानून हमारे
यह पंक्ति दिमाग मे कही से आई । एकदम सही लगी क्योंकि यह तीन अगर सुधर जाए तो भारत मे सब सुधर जायेंगे । आइये इन तीनो का विश्लेषण करें ।
सबसे पहले हमारे नेता । यदि किसी का नैतिक पतन हुआ है उसमे सब से नम्बर एक पर है नेता नाम के प्राणी । नेता का जिक्र जब पहले होता था तो सुभाष चन्द्र बोस जैसे नेता का फोटो हमारे जेहन मे आता था । और आज ...... छोडिए क्यो समय और दिमाग खराब करें . ऐसा नही की सब नेता भ्रष्ट है ,दुराचारी है ,नाकारा है लेकिन उनकी छवि उनके बीच की काली भेडों ने ऐसी खराब करी कि आज एक गाली हो गई नेता । नए साल में यदि यह नेता नाम का प्राणी कुछ सुधर जाए तो हम यानी समाज भी सुधर जायेगा । मौका है आओ नेता को सुधारे ।
दुसरे नम्बर पर हमारे अधिकारी है जो नेताओं के कंधे का इस्तमाल करके अपना काम चलाते है । नेताओं को पथ भ्रष्ट करके सब निर्णय लेकर देश को आगे न बढ़ने देने में इन अधिकारिओं का भी बहुत बड़ा हाथ है । पब्लिक सर्वेंट का मतलब पब्लिक को अपना सर्वेंट बना कर रखना हो गया है । यदि यह अधिकारी नाम का प्राणी भी अपने मे सुधार ले आए तो देश तरक्की कि राह मे आगे बड जाएगा । ऐसा कोई जप या तप करे नए साल मे जिससे यह अधिकारी सुधर जाए ।
तीसरा कानून बेचारा कानून निरही कानून अगर सुधर जाए तो बहुत सी समस्याए सुधर जाएँगी । मज़बूरी है कानून कि उसे अधिकारी बनाते है नेता पास करके लागू करते है इसलिए कई खामी उसमे जानबूझ कर छोड़ दे जाती है जिससे उसका प्रयोग या कहे दुरपयोग करके अपनों को फायदा दिया जा सके । कानून में कर[ टैक्स ] की विसंगियता भी भ्रष्टाचार को पनपाती है और भ्रष्टाचार हमारी जड़े खोखली करता है इसलिए कानून को सुधारे मजबूत करे जिससे हम मजबूत हो ।
नए साल की पूर्व संध्या पर चिंतन करे मनन करे और प्रार्थना करे कि नेता ,अधिकारी और कानून सुधर जाए ।
धीरू सिंह जी सबसे पहले तो हमें ही सुधरना होगा ! यदि हम नेताओ को फालतू भाव देना बंद करदे ,चुनाव जितने के बाद भी हम इन्हे बड़ा आदमी न समझे | अधिकारीयों या सरकारी कर्मचारियों को अपना काम निकलवाने के लिए रिश्वत न दे चाहे हमें अपने काम के लिए ज्यादा चक्कर ही क्यों ना लगाने पड़े, थोड़े दिन सभी को परेशानी तो होगी लेकिन उसके बाद धीरे धीरे इन लोगों की भी आदतें सुधर जायेगी | रही बात कानून की वो पहले से ही ठीक है बस उसके पालन करने की जरुरत है जिसकी जिम्मेदारी इन दोनों प्राणियों नेता,अधिकारी के अलावा जनता की भी है |
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाओं सहित
नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंनीरज
आपको तथा आपके पुरे परिवार को नव्रर्ष की मंगलकामनाएँ...साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा .....
जवाब देंहटाएंअर्श
धीरु जी , मै रतन सिंह जी की बात से सहमत हू, मह ही इन नेताओ ओर अधिकारियो को सर ओर बडा आदमी ह कर अपने मतलब निकालने के लिये सर पर चढाते है, अगर इन्हे ना पुछे तो यह खुद ही सीधे हो जायेगे,
जवाब देंहटाएंहमारे यहां नेता अधिकारी सब बाजार मै घुमते है, कोई किसी को नही पुछता, ओर सभी लाईन मै भी लगते है, ओर अगर एक जज , या पुलिस का ओफ़िसर या नेता कोई कानुन तोडता है तो वो भी उतना ही सजा का हक दार है जितना आम आदमी.
ऎसा हो हमारे देश मै तो बात बने.
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को शुभकामनाएं!!
नए साल की पूर्व संध्या पर आपका चिंतन सत्य है । आपको तथा आपके पुरे परिवार को मेरी शेखवाटी की ओर से नव्रर्ष की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
जवाब देंहटाएंregards
बिल्कुल सही....मैं भी यही कहूँगा की सबसे पहले हमें ख़ुद को बदलना पड़ेगा....ये नेता , ये अधिकारी, और ये कानून बनाने वाले सब हम ही है.....अगर हम बदल गए हम सुधर गए तो बाकी तो ऐसे हे सुधर जायेंगे ...
जवाब देंहटाएंचलिए नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाये
नववर्ष की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंचरित्र तो जनजन का गिरा है जी। नेता, अधिकारी और कानून तो उनके मुताबिक ही मिलते हैं।
जवाब देंहटाएंनया साल मुबारक।