आजाद भारत मे हम कई ब्याधियों का शिकार हो गए जैसे जातिवाद , छेत्रवाद ,भाषावाद आदि । लेकिन सबसे दुखद स्थिति तब हुई जब से हमने अपने महापुरुषों को भी जातियों मे बाट दिया । आज इन महान आत्माओं को हम याद तो करते है पर कार्यक्रम इनकी जाति के लोग ही करते है या इनके छेत्र के लोग करते है ।
एक बानगी देखिये किसने किसका ठेका ले रखा है
- राणा प्रताप - राजपूत समाज
- शिवाजी - मराठी समाज
- गुरु गोविन्द सिंह - सिखसमाज
- महात्मा गाँधी - सरकार
- सरदार पटेल - गुजराती एवं कुर्मी समाज
- डॉ अम्बेडकर - बसपाई व जाटव समाज
- शास्त्री जी - कायस्त समाज
- सुभाष बोस - कायस्त समाज व उनके मानने वाले
- चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह व उनके साथी - कुछ वह लोग जो देश से प्रेम करते है ।
एक लम्बी सूचि है । यह तो कुछ नाम है पूरी लिस्ट तो ज्यादा भयावह हो जायेगी । इसलिए देश प्रेम सिर्फ़ उस समय न करे जब कोई हमला हो । देश प्रेम हमेशा हमारी रगो मे बहता रहे । इसलिए अपने महा पुरुषों को भेद भाव भुलाकर समान रूप सममान करे क्योंकि इन्होने देश की सेवा की न की जाति की
और धीरू सिंह जी ने ठेका लिया है सब कुछ ठीक करने का . जोकि मुश्किल काम है . फिर भी आपके प्रयास को सलाम .
जवाब देंहटाएंसब वोटो का खेल है....... धीरू भाई .
जवाब देंहटाएंये रुकने वाला नही है.
राजीव महेश्वरी
should take care of good work in intrest of nation, it is in interest of every one. We should learn fom Israel and its men.
जवाब देंहटाएंSanjeev k s
पुरूष किसी समाज से हो सकता है लेकिन जब वह देश को दिए गए अपने योगदान के कारण महापुरुष बन जाता है तो वह किसी समाज विशेष का ना होकर पुरे राष्ट्र का हो जाता है और अपना आम भारतीय उसको मानता भी है लेकिन ये तथाकथित नेता अपने वोट के लिए उसे समाज विशेष का मात्र एक पुरूष ही बना रहने देना चाहते है ताकि उस समाज से वोट रूपी दूध को हमेसा दोहते रहे |
जवाब देंहटाएंलिस्ट छोटी है धीरू जी......इस देश का हाल ओर बुरा है
जवाब देंहटाएंयह प्रवृत्ति दुखद है।
जवाब देंहटाएंजात-पात , क्षेत्रवाद , समुदायपरस्त राजनीति का ही यह परिणाम है कि हम देश में नेताओं का बंटवारा कर ले रहे है और परिवार में मां-बाप का!
जवाब देंहटाएंधीरू भाई इन का बस चले तो यह मां बाप को भी बांट दे बच्चो को भी......
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख लिखा आप ने इस लेख के लिये आप का धन्यवाद
dhiru singhji you are absolutely right; but we have to wear it.
जवाब देंहटाएंaisa hi hai yaadav ji srikrishan ji ko kshtriya bhai raam ji par apna visheshadhikar maante hain, baniyon ne baamnon ne sabne apne apne bhagwan bana liye hain
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