बुधवार, दिसंबर 03, 2008

अंतर भारत और इस्राइल की मानसिकता का

इस्राइल से हम कुछ सीखना चाहे तो सीखे उसकी देशभक्ति और उसका अपने देशवासिओं के प्रति आगाध प्रेम और सम्मान ।

मुंबई हमले मे शहीद हुए नागरिको मे इस्राइल के ६ नागरिक थे और उन नागरिको को जो सम्मान उनके देश ने दिया है वह सम्मान हमारे यहाँ के खास शहीदों को भी नही मिला । सारे इस्राइल ने अपने राष्ट्रपति की उपस्थिति मे अपने मुंबई के शहीदों को अन्तिम बिदाई दी । और एक आया जिसने भारत की पन्ना धाय की परम्परा को आगे बढाते हुए अपनी जान पर खेल कर एक दो वर्ष के अनाथ मोशे को बचाया उसका भी ऐसा सम्मान किया जो हमारे यहाँ कल्पना से परे है । और अपने नागरिको की मौत का बदला लेने का प्रण किया और इस्राइल यह कर भो सकता है ।

और दूसरी तरफ़ हम राष्ट्रभक्ति से ओत -प्रोत ,नर मे नारयण का दर्शन करने वाले विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता के वंशज अपने नागरिको की आतंकी हमले मे मौत को हादसा ही मानते है सिर्फ़ सरकारी व्यक्ति ही शहीद माने जाते है और वह भी बेचारे उस सम्मान को प्राप्त नही कर पाते जिसके वह सच्चे हकदार है । हमारे देश मे शायद कुछ ही परिवारों को वह दर्जा मिला है जो एक इस्रायली को अपने देश मे मिला है ।

यही एक अंतर भारत और इस्राइल की मानसिकता का फर्क उजागर करता है । इस्राइल पर एक हमले का प्रति शोध इतना तीव्र होता है की हमलावर देश का राष्ट्रपति को भी वह बंधक बना लेता है । और हम वीर देश के बहादुर लोग चिट्ठी पतरी मे लग जाते है । लिस्ट देते है, वार्ता करते है , हल्की धमकी भी देते है और भूल जाते है कोई हमला भी हुआ था । और अगले हमले पर यही प्रतिक्रिया अपनाते है ।

क्या हम इस्राइल से थोडी हिम्मत ,थोड़ा देश प्रेम ,थोड़ा सम्मान उधार नही ले सकते ? क्या हम अपने अतीत गौरव शाली अतीत से कुछ सबक लेकर कुछ ऐसा कर जाए जिससे दुनिया को यह लगे भारतीयता अभी मरी नही है हिन्दुस्तानी भी अपमान का बदला लेना जानते है ।

हे ईश्वर यदि तुम कही हो तो हम ११० करोड़ लोगो को मानसिक शक्ति प्रदान करो जिससे हम अपने सम्मान की तो रक्षा कर सके ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. मान से जीना ओर मरना सच मै हमे नही आता, ओर जिन्हे आता है उन की कदर नही हमारे यहां, यह इस्राइल बहुत ही छोटा सा देश है, लेकिन उदाहरण है पुरे विशव मै,
    धन्यवाद

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  2. हम अपनी आन-बान से जीना मरना भूल चुकें है |

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  3. दरअस्ल हम हमने झेलने के आदी हो गएं। आयों से लेकर अग्रेंजों तक के हमले झेलते झेलते हमारा रकत अब पानी हो गया। उसमें उफान अब बहुत ही मुश्किल से आता हैं

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  4. हम किरकिरे जैसे लोगो को शहीद मानते है जिनके मरने के तरीको को देखकर सारी दुनिया भारतीय पुलिस पर हस रही है पर उन देश वासियो को नही जो इन की नालाकियो के कारण शहीद हुये

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा