ना जाने क्यों मन हुआ कि उड़न तश्तरी की तहकीकात करू । एक आदमी कैसे शरुआत करता है और कैसे कदम दर कदम आगे बढ कर उस जगह पर पहुचता है जहा हर ब्लॉगर पहुचंना चाहता है । उनकी पहली पोस्ट से और उनको प्राप्त पहली टिप्पणी पर उनका धन्यबाद उनकी पकड़ बताता है पूत के पाँव पालने में दिखने लगे थे ।
समीर जी को प्राप्त टिप्पणीयों से इर्ष्या होना सभी ब्लोग्गरों को लाज़मी है क्योंकि
वह आह भी भरते है तो हो जाते है चर्चित
लोग कत्ल भी करते है रह जाते है गुमनाम
लेकिन उनकी मेहनत ,उनका प्रयास ,लाजबाब है । और शोध का विषय इसलिए उड़नतश्तरी की उड़ान पर सरसरी नज़र
कहाँ है सरसरी नज़र?
जवाब देंहटाएंवह आह भी भरते है तो हो जाते है चर्चित
जवाब देंहटाएंलोग कत्ल भी करते है रह जाते है गुमनाम
" wah, abhee tk nazar jmee hai ya misson complete ho gya hai???"
Regards
कुछ छुट गया लगता है
जवाब देंहटाएंधीरु भाई, अब नपाई शुरु होगी कि हम ऑलरेडी नप चुके? :)
जवाब देंहटाएंकहां हो भाई///////////////////////////ई
जवाब देंहटाएंलगता है उड़न तश्तरी में ही गये हैं तहकीकात करने। चलो आने दो। देखें क्या खबर लाते हैं।
बहुत खुब
जवाब देंहटाएं............कहां हैं? :-)
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