मायावती के उ .प्र की फूलमती जिसने व्यभिचारी को ऐसी सजा दी कि मजबूत दिल वाले भी हिल गए ।
जिला खीरी के ईसानगर कि फूलमती को उसका दबंग पडोसी अन्नू जुलाहा तीन महीने से उससे छेडछाड़ कर रहा था । दबंग का हौसला इतना बड़ा कि हद पार कर गया , खेत पर काम कर रही फूलमती को अन्नू ने पकड़ लिया औए जबरदस्ती करने लगा ।
अपनी इज्ज़त बचाने को वह चंडी बन गई और गड़ासे से उसका लिंग काट दिया और उसे उसके मुँह में रख कर उसका सिर काट दिया । उसके बाद एक हाथ में कटा सिर और दुसरे हाथ में गडासा लिए अकेली थाने की ओरपैदल चली ।
जिसने यह देखा उसकी रूह काप उठी । ओर उसने कहा "इसलिए खुलेआम सिर लेकर थाने जा रही थी ताकि कोई व्यक्ति किसी औरत से बदतमीजी करने की हिम्मत न कर सके । "
क्या विचार है आप सबका इस बारे में ,कानून अपने हाथ में लेकर फूलमती ने सही किया ?
क्या अब भी नारी को कमज़ोर माना जाए ?
तथाकथित नारी संघटनों का क्या कहना है ?
अमर उजाला से सम्भार
काम तो फ़ूलमती ने एकदम सही किया है, यदि ये काम (ठीक यही काम) कानून करता तो ज्यादा मजा आता… :) :)
जवाब देंहटाएंन्याय व्यवस्था जे जब विश्वास उठ जाता है तो यही होता है .
जवाब देंहटाएंजब कानुन जनता की रखवाली नही करेगा तो , एक नही कितनी ही फ़ुलवत्ती पेदा होगी, शावस फ़ुलवती बिलकुल सही किया.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
कानून आत्मरक्षा का अधिकार देता है, और फूलमती ने उस अधिकार का प्रयोग किया है. उसे मेरा सलाम.
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