हमें भूलने की बीमारी है ,सिनेमाओं के फर्जी नायको के आगे हम असली राष्ट्र नायको को भूल जाते है । अमिताभ के आभा मंडल के आगे लोक नायक जय प्रकाश नारायण की पहचान फीकी हो रही है । दोनों का जन्मदिन एक दिन है , अमिताभ के बारे में तीन दिन पहले से अखबारों में छपने लगा ,रेखा के बारे में भी लेकिन लोकनायक .............
भारत के लोकतंत्र का जब कत्ल हो रहा था तब पुराने स्वतंत्रता सेनानी जय प्रकाश नारायण ने एक बार फिर से आजदी बरकरार रखने के लिए युवाओ को साथ लेकर नवनिर्माण आन्दोलन शुरू किया । उस समय एक तानाशाह इंदिरा गाँधी जो मीसा को हथियार बना कर जुल्म कर रही थी उनके खिलाफ एक बुडी आवाज़ ने सारे हिंदुस्तान में जोश भर दिया ।
इंदिरा इज इंडिया ,इंडिया इज इंदिरा कहने वाले भी उस लोक नायक की एक ऐसी क्रांति की उम्मीद नहीं कर रहे थे । आपातकाल के खिलाफ सम्पूर्ण विरोधी दलों को एक प्लेटफोर्मपर लाकर पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार का गठन किया ।
लोकनायक ने एक नयी आज़ादी की लडाई लड़ी,और जीती
लोकनायक के चेलो ने उन्हें जिन्दा पर ही भुला दिया । और उनके जिन्दा रहते हुए संसद में शोक सन्देश प्रसारित कर दिया ।
और आज लोक नायक के द्वारा निर्मित नेता केंद्र सरकार में मंत्री है ,राज्य के मुख्य मंत्री है फिर भी वह उनेह याद नहीं करते और जनता उसकी तो यादाश्त बहुत कमजोर होती है , गाँधी के बाद जय प्रकाश नारायण ने ही भारत को बचाया ।
हम लोक नायक जय प्रकाश नारायण को भूल गए ,क्रप्या उनेह याद करे । ११ अक्टोबर को उनका भी जन्म दिन है ।
लोक नायक जय प्रकाश नारायण को याद करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंवे युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत थे . जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे
इसीलिए उन्हें लोकनायक कहा जाता है .जबलपुर प्रवास के दौरान मैंने
उन्हें काफी करीब से देखा है . यह सच है की उनके शिष्य जो आज
सत्ता में विराजमान है उनका स्मरण भी नही करते है . जन्मदिन अवसर
पर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ .
दो दो रुपए मै बिकने वाले नोटंकी वाज को आज हम सलाम करते है, क्योकि हम भी तो वेसे ही बनाना चाहते है, मियां पेसा है इस लिये , लेकिन जो बिना मतलब हमारे लिये लडते है, हम उन्हे भुल जाते है,क्यो कि वो कोई नोटंकी थोडे ही करते है, आप का धन्यवाद ओर लोक नायक जय प्रकाश नारायण जी को प्राणाम.
जवाब देंहटाएंभारतीय लोकतंत्र के पुरोधा जयप्रकाश नारायण को शत-शत नमन।
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