महाराष्ट्र में चूहों का आतंक बढ़ रहा है खासकर मुंबई में ,और वहां के चूहों ने राजनितिक पार्टी भी बना ली है मनसे ,शिसे जैसी । पता नही बिल में घुस कर चूं-चूं करते यह चाचा भतीजे अपनी आवाज़ को दहाड़ समझ लेते है । जो कलम ले कर पढने वाले बच्चो पर मारपीट कर अपनों को सूरमा समझ लेते है ।
हिम्मत हो ,मर्द हो तो यह चूं -चूं बिल से निकल कर करो आओ दिल्ली वहां बात करो। ऊठ जब पहाड़ के नीचे आता है तब उसको अपनी उचाई का सही पता चलता है । मराठी भाइयों ने तुम्हे खारिज कर दिया है ,यह विष वमन बंद करो । एक बार बिल्ली के भाग्य से झीकां टूट गया था अब कभी सत्ता में मराठी जनता तुम्हारा साथ नही देगी ।
और भाजपा व सहयोगी दलों को चेतावनी है अगर उन्होंने इन चूहों से कोई रिश्ता रखा तो हिन्दुस्तानी जनता उन्हें भी खारिज कर देगी । इसलिये अपनी साख बचाना चाहते हो तो ऐसे समाज तोड़क चूहों से दूरी रखो ।
चूहों का प्रयोग इसलिए की यह लोग ऐसी भाषा का प्रयोग करते है ,और ऐसी भाषा ही समझते होंगे ।
बिलकुल सही कहा आप नै
जवाब देंहटाएंधन्यवाद