राजनीति कैसे संवेदन हीन लोग करते है इसका नमूना एक शोकसभा में देखने को मिला । पूर्व विधायक के निधन के उपरांत हुई शोक सभा में सभी दलों के लोग उनको श्रधान्जली दे रहे थे । तभी एक नए चुनाव छेत्र की तलाश में दरदर भटक रहे बी जे पी की गाँधी और उनके राजकुमार वहा पहुच्ये ।
गाँधी परिवार का ग्लेमर वहा भी चला । पब्लिक उनको देखने को उठी , छोटा गाँधी खुश हो गया । और जब बोलने को खडा हुआ तो भूल गया की उसे क्या कहना है , वह जोर शोर से अपनी माँ के समर्थन की मांग की और वोट की अपील की ।
यह जन्मजात राजनीति करने वाले लोग किसी की भावना ,किसी का दुःख ,किसी का दर्द नहीं समझते केवल अपना फायदा देखते है । और पूरा परिवार सत्ता का सुख उठाना चाहता है चाहे रास्ता कोई भी अपनाए । रुपये का नंगा नाच करते है ,लोगो को खरीदते है ,विकास की बड़ी -बड़ी बातें करते है और करते कुछ नहीं है ।
और नकली गाँधी तो कुछ करते ही नहीं है ,उनेह घोडो ,कुत्तो से ज्यादा हमदर्दी है बजाय इंसानों के ।
मायावती का भी तो यही कहना है गान्धिओं के बारे में
महोदय
जवाब देंहटाएंसविनम्र निवेदन ये है कि आप लिखा हुआ पोस्ट करने से पहले कृपया वर्तनी जांच लिया कीजिये| आपके लिखने का भाव अच्छा है किंतु बहुत अशुद्धि होने के कारण पढने में नही आ रहा है|
आशा है आप इसे अन्यथा न लेंगे|
सादर
अमित
सही लिखा हओ आप ने.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद