अपनी कलम को हथियार बना शब्दो में बारुद भरें - सोया समाज जो राख समान उसमे कुछ आग लगे
ture
सत्य वचन, महाराज !
एकदम सही लिखा
जय श्रीराम!
बिल्कुल सही कहा।
जब अपनी बात कहने को, लगे बस शीर्षक काफ़ीबचें तब क्यों न हम धीरू,पोस्ट लिखने के तूलों सेबहुत अच्छा !
मेरे राम को भी अपना स्थान मिल गया।
हम तो समझ रहे थे कि सच्चाई छुप नहीं सकती :)
आप बिलकुल सही कह रहे हैं ...पर एक नजरिया ऐसा भी है सच्चाई छुप सकती है यदि आपस में मेल हो खुशबू आ सकती है यदि कागज़ में तेल हो ....
सत्य वचन....
आप बताये क्या मैने ठीक लिखा
ture
जवाब देंहटाएंसत्य वचन, महाराज !
जवाब देंहटाएंएकदम सही लिखा
जवाब देंहटाएंजय श्रीराम!
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा।
जवाब देंहटाएंजब अपनी बात कहने को, लगे बस शीर्षक काफ़ी
जवाब देंहटाएंबचें तब क्यों न हम धीरू,पोस्ट लिखने के तूलों से
बहुत अच्छा !
मेरे राम को भी अपना स्थान मिल गया।
जवाब देंहटाएंहम तो समझ रहे थे कि सच्चाई छुप नहीं सकती :)
जवाब देंहटाएंआप बिलकुल सही कह रहे हैं ...पर एक नजरिया ऐसा भी है
जवाब देंहटाएंसच्चाई छुप सकती है यदि आपस में मेल हो
खुशबू आ सकती है यदि कागज़ में तेल हो ....
एकदम सही लिखा
जवाब देंहटाएंसत्य वचन....
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