सोमवार, सितंबर 13, 2010

धीरुभाईज्म


ब्लोगिंग अपने आप में एक लाइलाज बीमारी है . उस पर कोढ़ में खाज वाली बात हो जाती है पुस्तको के पढाने की आदत . अभी दिल्ली से बरेली ट्रेन से आने का सौभाग्य मिला . नईदिल्ली स्टेशन पर देखा देखी बुक स्टाल पर खडा टाइम पास कर रहा था तभी नज़र पढी धीरुभाईज्म नाम की किताब पर . जो धीरू भाई अम्बानी के सहयोगी रह ए. जी कृष्णमूर्ति ने धीरू भाई की कार्य पद्धति पर लिखी है . धीरू भाई की सफलता और वह भी फर्श से अर्श तक का सफ़र के पीछे जो उनका दर्शन था उसी को धीरुभाईज्म के नाम से लिखा है . और पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है मुकेश अम्बानी ने . 


धीरुभाई के हज़ारो आलोचक है लेकिन करोडो प्रसंशक भी . एक साधारण मैट्रिक पास लड़का जो एक प्राइमरी मास्टर का पुत्र है सिर्फ अपने आप कार्य पद्धिति से ही व्यापार जगत में जीवंत किदवंती बन गया हो के बारे में पढ़ना तो जरुर चाहिए . अम्बानी के ब्रह्म वाक्य " बड़ा सोचो ,तेज़ी से सोचो व सबसे पहले सोचो . विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं होता " अपने आप में सफलता का मूलमंत्र है . 

धीरुभाईज्म में धीरू  भाई के दर्शन को १५ भाग में बाटा गया है 

१. आगे बड़े व मदद करे 

२. अपने दल का सुरक्षा कवच बनो 

३. मूक दानी बनो 

४. " बड़े -बड़े सपने देखो ,लेकिन खुली आँखों से "

५. गलबाहीं देने वाला नेता 

६. आपूर्ति मांग पैदा करती है 

७. धन अपने आप में कोई प्रोडक्ट नहीं यह बाय प्रोडक्ट है 

८. व्यवसायी को अधिकार दो 

९. अपनी कक्षा बदलते रहो 

१०. आशावादिता 

११. हर व्यक्ति मित्र है 

१२. बड़ी सोच 

१३. सपनों की डोर थामे रहो 

१४. अपने लोगो पर दाव लगाओ 

१५ .सकारात्मक  बनो 

कृष्णमूर्ति ने सरल शब्दों में इनकी व्याख्या की है . मेरे हिसाब से यह पुस्तक एक बार पढनी जरुर चाहिए . धीरू भाई कितने भी विवादास्पद रहे हो कितने भी क़ानून अपने हिसाब से तोड़े मरोड़े हो लेकिन धीरू भाई अम्बानी से सफलता से  प्रेरणा तो ली ही जा सकती है . बहुत  बुराई सही जैसा कुछ लोग मानते है  लेकिन उनसे ज्यादा बहुत अच्छाई होंगी धीरू भाई अम्बानी में जिसके कारण सफलता के शिखर  पर पहुंचे .

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नोट :- मेरा नाम धीरू भाई अम्बानी से मिलना एक इतेफाक है जब मेरा नाम रखा गया था तब धीरू भाई अम्बानी धीरू भाई अम्बानी नहीं थे . मैं तो मज़ाक में कहता हूँ जब से मैं पैदा हुआ तभी से धीरू भाई अम्बानी ने तरक्की शुरू की . शायद मेरे भाग्य का कोटा धीरू भाई अम्बानी को प्राप्त हो गया . और एक सच जब से अम्बानी का निधन हुआ है तब से मैं आर्थिक मज़बूत हो  रहा हूँ ईश्वर की कृपा से .  




17 टिप्‍पणियां:

  1. कोई कितनी भी मेहनत कर ले ईमान दारी से १० लाख जमानही कर सकता.....:) ओर बेईमानी से

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  2. चलिये धीरू जी, आप भी जल्दी से विधान सभा/संसद पहुंचे. और नाम को सार्थक करें...

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  3. अरे!!!!!! मैं तो समझा यह धीरू-सिंह-भाईज़्म पर है :)

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  4. सफलता के सूत्र अच्‍छे लगे। बिना बेईमानी के भी सफल हुआ जा सकता है। अच्‍छी पोस्‍ट।

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  5. सही है । आप भी एक रिलायंस जैसी कम्पनी खड़ी करें । हमारी शुभकामनाएं ।

    हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई !

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  6. @ "धीरू भाई कितने भी विवादास्पद रहे हो कितने भी क़ानून अपने हिसाब से तोड़े मरोड़े हो लेकिन धीरू भाई अम्बानी से सफलता से प्रेरणा तो ली ही जा सकती है . बहुत बुराई सही जैसा कुछ लोग मानते है लेकिन उनसे ज्यादा बहुत अच्छाई होंगी धीरू भाई अम्बानी में जिसके कारण सफलता के शिखर पर पहुचे"

    धीरु भाई! सफलता का यह कौन सा शिखर है? जिस पर पहुच कर साधन बेमानी हो जाता है और साध्य सबकुछ।

    हमारी असहमत दर्ज करें!

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  7. सफलता के सूत्र अच्छे हैं .... धीरू भाई की सफलता में उनकी मेहनत का हाथ ज़रूर है बाकी बेईमानी और ईमानदारी का नज़रिया अलग अलग भी हो सकता है ....

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  8. धीरू सिंह जी
    नमस्कार
    व्लाग ने हम दो बरेली वालों को मिलने का अवसर दिया मै इज्जत नगर रेलवे कालोनी रहा और ऍम बी इंटर कालेज में पढ़ा| फिर कोटा नरोरा मद्रास और अब हैदराबाद में हूँ | संपर्क बनाये रखिये

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  9. .
    .
    .
    अपने दल का सुरक्षा कवच बनो

    आपूर्ति मांग पैदा करती है

    हर व्यक्ति मित्र है

    अपने लोगो पर दाव लगाओ


    यह सब सूत्र धीरू भाई अम्बानी ही दे सकते थे...
    बहुत ऊंचा था वह आदमी...
    उस महामानव को नमन...


    और आपको आभार भी धीरूभाई !



    ...

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  10. बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

    आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

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  11. बढ़िया लेख लिखा है ........

    मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html
    कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...

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  12. dheeru bhai ambani kee wajah se aaj is mulk ka aam aadmi bada banne aur sochne kaa sahas rakhta hai,

    license raaj ke samay mei ek aam aadmi kee yatra kaa naam hai DHIRU BHAI AMBANI,

    aur humein umeed hai ki aap dhiru bhai se bhi aage pahuchenge.

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा