मंगलवार, सितंबर 07, 2010

धन्यवाद धन्यवाद और धन्यवाद

धन्यवाद धन्यवाद और धन्यवाद . इसके सिवा और कुछ कह भी तो नहीं सकता . ५ सितम्बर को रात में सोया था तब तक आने वाली खुशियों से अन्जान था . ठीक १२ बजे मोबाइल बजा उधर से आवाज़  थी आपको जन्मदिन की शुभकामनाये .क्या आपको डिस्टर्व तो नहीं किया . कुछ सैकेंड तो मैं कुछ समझ नहीं पाया लेकिन तभी चेतना आयी और समझ आ गया यह आवाज़  तो अपने पाबला जी की है . पाबला जी एक ऐसे ख़ास रिश्तेदार है जिन्हें अभी तक देखा ही नहीं . लेकिन सुख दुःख में पाबला जी हमेशा साथ खड़े मालूम होते है . पाबला जी से बात हो ही रही थी तभी फोन पर एक काल ने और दस्तक देना शुरू की .

वह थे दीपक मशाल जी . सात समुन्दर पार से बधाई मिलने लगी .मैं तो सोच भी नहीं सका इतनी दूर दूर से भाई लोग मेरा जन्मदिन मना  रहे  है जबकि  घर  वाले  अभी सो  ही रहे  है .दीपक मशाल जी को  तो धन्यवाद के शब्द भी कम पड़ रहे है . तभी एक फोन और बजा वह था अपने ललित शर्मा जी का . ललित जी को भी धन्यवाद दिया और बधाई ली .

खुशियाँ ज्यादा देर तक साथ नहीं रही मैं उस दिन नोयडा में था और जिस होटल में था वहा अपना बी एस एन एल का नेटवर्क दम तोड़ गया . और सुबह तक मृत रहा . कई लोगो से बात नहीं हो पाई जिसका मुझे खेद है . लेकिन एक खुशी इस बात की है ब्लॉग ने बहुत से साथी दिए इससे अच्छा उपहार और क्या  हो सकता है .

उसके बाद जब घर आकर शाम को जब मेल चैक की तो वहा  अग्रज समीर जी , दिनेशराय द्विवेदी जी ,नरेश सिंह जी सहित कई लोग वहा वधाई दे रहे थे . और पाबला जी के ब्लाग  पर तो वधाईयां  ही बधाईयाँ मौजूद थी .

आज तक मेरा जन्मदिन इतनी शानदार तरीके से नहीं मना .वैसे मैं भी जन्मदिन नहीं मनाता हूँ और कई सालो से अपना फोन भी बंद कर लेता था इस दिन . परन्तु पाबला जी ने वह परम्परा समाप्त करा दी .

17 टिप्‍पणियां:

  1. जय हो... फेस बुक भी देखिये.. वहा भी बधाईया इंतज़ार कर रही है.:)

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  2. @रंजन भाई फ़ेसबुक और ओर्कुट का लिखना भूल गया क्षमा चाहुंगा . वहा पर आप प्रवीन माससाब ,समीर भाई और कई गैर ब्लागर भी बधाई देने आये थे

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  3. हमे तो पाबला जी के ब्लॉग पर ही मौका मिला फिर तो नेट ही बंद हो गया था खैर ऑरकुट पर तो आपने हमे add किया नहीं वर्ना वहाँ भी हमे एक मौका मिल जाता आपको बधाइयाँ देने का !
    एक बार फिर जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  4. हमने भी तो ऑरकुट पर दी थी आपको बधाई..
    वैसे हमारी शुभकामनाये तो हमेशा आपके साथ है..

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  5. बंधु, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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  6. सुबह १ बजे हमने मेल किया था.पुनः बधाईयाँ.

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  7. @ आदरणीय सुब्रमणियम जी आप से क्षमा प्रार्थी हूं . आपका मेल मुझे प्राप्त हुआ था लेकिन मै जिक्र करना भूल गया .

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  8. यह सरदार ऎसा ही है... जिसे कहते हैं, असरदार सरदार !
    यह पोस्ट पढ़ने के बाद अब एक बधाई मेरी भी बनती है..
    लीजिये मेरी शुभकामनायें भी कृपया जमा कर लीजिये !

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  9. एक बार फिर जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं.

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  10. बधाई .. धीरू जी बहुत बहुत बधाई जनम दिन की ... हम चूक गये इस बार समय पर नही पहुँचे ....

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  11. धीरू भाई
    आरज़ू चाँद सी निखर जाए, ज़िंदगी रौशनी से भर जाए।
    बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की, जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
    देर से सही, पर जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ………….
    साँप काटने पर क्या करें, क्या न करें?

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  12. धीरु भाई अभी तक सभी ने बधाइ दे दी होगी, सिर्फ़ हम बचे है, असल मै मै यहां था ही नही, चलिये अब हमारी तरफ़ से जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार करे, थोडी देर से ही, साथ मै माफ़ी का हक दार भी हुं, धन्यवाद

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा