भारत में ८० % जनता गांव मे रहती है . गांव मे रहने वाले मेहनत मजदूरी करने वाले भूख से लडकर मरने वाले कब से भ्रष्ट की श्रेणी मे आ गये . हां सिन्हा साहब जहा रहते है और जहा उन्होने नौकरी की है वहा जरुर हर व्यक्ति भ्रष्ट है . वहां ना कोई एक नम्बर वाला ईमानदार है ना दो नम्बर वाला और ना ही तीन नम्बर वाला . पता नही तीसरा कह कर किसे बचाना चाहते है सिन्हा साहब .
दिल्ली मे एक दो तीन नम्बर पर है राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री,और सोनिया गान्धी . और सी वी सी के अनुसार हर तीन मे से एक भ्रष्ट है . इन तीनो मे से कौन वह यह बताये . खैर जो है सो है .
एक सवाल आप सब से आप कौन से नम्बर के भारतीय हो ?
भाई साहब , आप गलत ले रहे है बात को , मैं यह नहीं कहता कि सिन्हा साहब दूध के धुले है जो ऐसा कह रहे है मगर उन्होंने ये कहा कि ३ में से एक भारतीय यानी कि १२० करोड़ में से ४० करोड़ , जो मेरे हिसाब से उन्होंने कम ही बताया है ! आप खुद ही अपने इर्दगिर्द देख लीजिये !
जवाब देंहटाएंएक दो तीन .... चार पांच छः ... सात आठ नौ.... गिन गिन :)
जवाब देंहटाएंजी एकदम पक्का जवाब दे रहा हूँ .....३ नंबर के है जी !!
जवाब देंहटाएंमुझे भी आँकड़ा ठीक लगता है .... ग़रीब आदमी भ्रष्ट नही होते ये कोई पक्की बात नही है ....
जवाब देंहटाएंराष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री,और सोनिया गान्धी .अब पहले तो इन मै से हिन्दुस्तानी ढुढे कि कोन है, फ़िर बेइमान ओर भ्रष्ट ढुढे....अजी हम तो जीरो है.
जवाब देंहटाएंशहर के अनेकों लोग अकेले अपने गांव जा भी नहीं सकते हैं क्योंकि जिन भ्रष्ट लोगों ने उन्हें ज़मीन से बेदखल किया है वे ही उन्हें दुनिया से भी बेदखल कर देंगे। भ्रष्टाचार हमारे अन्दर गहराई से भरी है। कितने दुकानदार ईमानदारी से विक्रय कर चुकाते हैं? कितने अरबपति अपनी आमदनी को अन्न का एक दाना भी न उगाने वाले फार्म्हाउस की खेती बताकर आयकर सफाचट्ट कर जाते हैं? कितने भारतीय घर/दुकान/ज़मीन खरीदते/बेचते समय सही कीमत पर रजिस्ट्री कराते हैं? कितने आटो/टैक्सी वाले मीटर सही रखकर बिना पूछे, सवारी जहाँ चाहे वहाँ लेकर जाते हैं? कितने सरकारी डॉक्टर आने वाले हर मरीज़ की हर दवा, शल्यक्रिया आदि नियमानुसार करते हैं? कितनी शादियाँ दहेज़ मांगे/दिये बिना हंसते हुए सम्पन्न होती हैं? कितने पुलिसिये पैसे देकर सामान खरीदते हैं?
जवाब देंहटाएंदेश की हालत साफ बताती कि हम भ्रष्टाचार में काफी गहराई तक डूबे हैं।
चलिये हम भी बच गये। दूसरे नम्बर के हैं हम भी।
जवाब देंहटाएंये जितने भी लालफ़ीताधारी है जब नौकरी में रहते हैं तो इनकी आँखों पर गांधार की पट्टी बंधी होती है। कुछ नहीं देखना चाहते। जब रिटायर हो जाते हैं तो इन्हे सब दिखाई देने लगता है।सेवा में रहते हुए इन्होने अपने विभाग के कितने भ्रष्टाचारियों को पकड़ कर सजा दी? कितने गरीबों और बिना पहुंच पकड़ के लोगों का भला किया। कुछ इस पर भी प्रकाश डालें।
जवाब देंहटाएंफ़जुल अब अरण्यरोदन कर रहे हैं,इन्हे अब दो नम्बर और तीन नम्बर दिखाई दे रहा है।
हम एक नम्बर वाला हूँ...:)
जवाब देंहटाएंहम तो ललित जी की बात से सहमत हैं। वैसे देखा जाए तो हर आदमी ही भ्रष्ट है और हर आदमी ही ईमानदार। जब स्वयं का काम पड़ता है तब जैसे तैसे ले-देकर काम निकलवाना चाहते हैं और जब दूसरा करता है तब वह गलत करता है।
जवाब देंहटाएंHar teesra aadmi bhrast hai bharat mei,
जवाब देंहटाएंSamaj iss se trast hain bharat mei,
phir bhi pehle do mast hain bharat mei,
Kaun maane zero diya bharat ne,
Taaro kee bhaasha sikhayi bharat ne,
Har teesra aadmi bhrast hai bharat mei,
सही सवाल उठाया आपने
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
पहला व्यक्ति वह है जो खाता है, दूसरा वह जो खिलाता है । तीसरा वह जिसे खाने या खिलाने का अवसर ही नहीं मिला । इस तरह तीसरा आदमी ईमानदार है और पहले दोनों भ्रष्ट ।
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