२४ सितम्बर एक फैसले की घड़ी .......... शायद सदियों का इंतज़ार खत्म हो जाएगा . अयोध्या के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा .
राम जन्म फिर सदियों तक जन्मभूमि के सम्मान में बना मन्दिर फिर बाबर का सेनापति मीरबाकी द्वारा विध्वंस फिर सदियों तक उसका बदला लेने के लिए प्रयास फिर ६ दिसंबर ...................... और अब यह फैसला . यह फैसला पहला और आख़िरी नहीं होगा . इसके बाद भी सर्वोच्च अदालत है और उसके बाद संसद . फिर भी इतिहास में दर्ज होगा यह फैसला .
फैसला किस के पक्ष में हो या किस के विपक्ष में कहा नहीं जा सकता . लेकिन नीर छीर विवेक से होगा तो सबको मालूम है क्या फैसला आयेगा .
खैर जो होगा सो होगा दुकानदार दुकाने सजाने में लगे है . बाज़ीगर करतब दिखाने को तैयार है .तवे गर्म हो रहे है रोटी जो सेकनी है इस आग में . धुँआ देख हवा करने आ रहे है राख में से आग को कुरेद कर दावानल की परिस्थितिया उत्पन्न हो इसी प्रयास में सब लगे है .
उस दिन का हम भी इंतज़ार कर रहे . तब तक जय राम जी की तो कहना ही पडेगा .
राम मन्दिर बनना ही चाहिए. राम अयोध्या में नहीं हुये तो कहां हुये. मुगल आक्रान्ताओं द्वारा मन्दिर तोड़कर बनाई गई मस्जिदें हर जगह दिखाई देती हैं. अगर हमारे घर में कोई जबरदस्ती घुस आता है तो हम अपने घर को वापस लेने के प्रयास करते हैं न कि उसे उसके भाग्य पर छोड़ देते हैं.... और शाहबानो के मामले में तो वोटों की खातिर संविधान ही बदल डाला, कोर्ट पर वोट को तरजीह दी गयी. कोर्ट का फैसला सिर-माथे पर.
जवाब देंहटाएंएक महत्वपूर्ण पड़ाव होने वाला है यह निर्णय।
जवाब देंहटाएंधीरू भाई.. रवीश की रिपोर्ट देखी अयोध्या पर.. सोचा हम कितने संकीर्ण बुद्दी है... एक छोटे जमीन के टुकड़े के लिए सालों लड़ रहे है.. और बाकि पुरी अयोध्या का कोई नाम लेवा नहीं है.. क्या अच्छा न होता की पिछले २० सालों में पुरी अयोध्या चमका देते.. उस जमीन को छोड़... और फिर फैसला जो भी आता.. वो जमीन का टुकड़ा छोटा लगता भव्य अयोध्या के सामने.. पर...
जवाब देंहटाएंraam mandir banne se kya ayodhya aur is mulk kee garibi kum ho jayegi ?
जवाब देंहटाएंKya aam aadmi kee aam jaruratei poori ho jayengi?
Sab raajneeti hai,satta pe pahuchne kaa ek jariya hai,
kisano ki, aam aadmi ki, kisi ko parwaah nahi hai.
आपने कितना सही कहा है:--
जवाब देंहटाएंबाज़ीगर करतब दिखाने को तैयार है .तवे गर्म हो रहे है रोटी जो सेकनी है इस आग में .
वाह...
नीरज
सटीक पोस्ट .....आभार !
जवाब देंहटाएंमुझे कोई रुचि नही कि वहां मंदिर बने या मस्जिद, कोई पार्क को अस्पताल बन जाये वो ज्यादा अच्छा है
जवाब देंहटाएंये सच है की ये अहम फैंसला एक महत्वपूर्ण पढ़ाव है .... भविष्य की दिशा निर्धारित करेगा ये फैंसला ... देखें क्या होता है ... जे राम जी की ...
जवाब देंहटाएंहम भी राममंदिर के हक में हैं, लेकिन क्या ही अच्छा हो कि ये समाज के सभी अंगों की सहमति से हो, लेकिन बाजीगर और धर्म, समाज के ठेकेदार ऐसा नहीं होने देंगे।
जवाब देंहटाएंवैसे व्यक्तिगत रूप से 6 दिसंबर का दिन अपने लिये काला दिवस है।
जय राम जी की।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें