गुरुवार, सितंबर 30, 2010

जब अयोध्या का फैसला सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा तो क्या देश में मार्शल ला लागू होगा ?

डरता हूँ मैं यह सोच  कर जब अयोध्या का फैसला सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा तो क्या देश में मार्शल ला लागू होगा ? क्या सेना को देश की कमान अपने हाथ में लेनी होगी ? एक उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर जब इतना डर पैदा किया जा रहा जबकि हर पक्ष फैसला मानने के लिए तैयार है .

कान पक गए सुनते सुनते कि इतने पेरा मिलेट्री फ़ोर्स लगा दिए है . सेना और वायु सेना को अलर्ट कर दिया गया है . जगह जगह सीमाए सील कर दी गई है . क्या है यह सब . ................ कौन सी वह ताकते है जिनसे इतना भय है . प्रधानमंत्री , गृहमंत्री अपील कर रहे है शान्ति  की . सभी धर्मगुरु अपना ब्यान दे रहे है शान्ति बनाए रखे .

आज के इस फैसले के बाद एसा तो हो नहीं सकता की असफल पक्ष सुप्रीम कोर्ट ना जाए . कोई यह क्यों नहीं समझाता आज का फैसला मन्दिर और मस्जिद का नहीं उस विवादित जमीन की मिलकियत का है .आम लोग आज मन्दिर और मस्जिद की फैसला मान बैठे है . और यह फैसला अयोध्या के वर्तमान स्टेट्स पर कोई फर्क नहीं डालेगा .

अपील की जा रही है इंसान बनने की हिन्दुस्तानी  बनने की . क्या बकवास है यह ............. अपीलकर्ता  क्या समझते है अपने को क्या आम आदमी जाहिल है . इन्ही अपील कर्ताओं से अपील है कृपया आग में घी का काम ना करे आम आदमी इतना समझदार है कि वह इन खुराफातो से बहुत दूर रहता है . सड़क पर आग से ज्यादा जरुरी समझता है वह अपने चूल्हे की आग को .

भावावान राम से प्रार्थना है सबको सन्मति प्रदान करे .

14 टिप्‍पणियां:

  1. अपील की जा रही है कि आज हिन्दू या मुसलमान न रहें । क्या हिन्दू या मुसलमान होने से आदमी झगड़ालू हो जाता है । क्या धर्म झगड़ा करना सिखाता है ।
    पर कुछ न कुछ उपदेश तो देना ही है जी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. खूद को महान समझने का संतोष पाने के लिए लोग अपील कर रहे हैं. बोलने की आज़ादी तो मूर्खों को भी है ही.

    जवाब देंहटाएं
  3. साहब आप और हम तो ज़रूर आं आदमी हैं पर जो गरीब हैं, उन्हें नहीं पता कि क्या चल रहा है और उन्हें ही बताने कि कोशिश की जा रही है कि शान्ति बनाए रखें..
    अगर कोई इंसान आपको भड़काने कि कोशिश करें तो न हों.. मुझे इसमें कोई आपत्ति नज़र नहीं आती है...

    जवाब देंहटाएं
  4. सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे!

    जवाब देंहटाएं
  5. सहमति जी.. समझने की क्या जरुरत है.. तैयार रहना है तो चुपचाप तैयार रहीये..

    जवाब देंहटाएं
  6. एक सच्चा हिन्दू हमेशा सब की क़द्र करता है, मैं आपकी सोच की क़द्र करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  7. चैनलों को संदेश इसलिये देना है कि सरकार ने उन्हें ऐसा करने को कहा है, भास्कर जैसे अखबार इसमें भी अपनी दुकानदारी ढूंढ रहे हैं, और फ़ोटो छपवाने के उतावले छपासू लोग उलटे सीधे बयान झाड़े जा रहे हैं, ये लोग ऐसा समझ रहे हैं कि ज्ञान सिर्फ़ उन्हीं के पास है और वह हर हालत में बाँटना ही है… :)
    जबकि असल में सभी के सभी चूतिये नज़र आ रहे हैं और जनता को खामखा डरा रहे हैं…

    जवाब देंहटाएं
  8. " अपील की जा रही है इंसान बनने की हिन्दुस्तानी बनने की . क्या बकवास है यह ............. अपीलकर्ता क्या समझते है अपने को क्या आम आदमी जाहिल है . इन्ही अपील कर्ताओं से अपील है कृपया आग में घी का काम ना करे आम आदमी इतना समझदार है कि वह इन खुराफातो से बहुत दूर रहता है . सड़क पर आग से ज्यादा जरुरी समझता है वह अपने चूल्हे की आग को ."

    बिलकुल सही नब्ज़ पकड़ी है आपने ...... आम आदमी को इन सब से सच में कोई खास सरोकार नहीं है !

    जवाब देंहटाएं
  9. सब अपने अपने आत्म-प्रचार के चलते बकवास कर रहे है

    जवाब देंहटाएं
  10. .
    .
    .
    आदरणीय धीरू सिंह जी,

    "आम आदमी इतना समझदार है कि वह इन खुराफातो से बहुत दूर रहता है . सड़क पर आग से ज्यादा जरुरी समझता है वह अपने चूल्हे की आग को ."

    सत्य वचन, मैं भी सहमत हूँ आपके इस आकलन से ।

    मुझे तो लग रहा है कि यह जो इतनी ज्यादा अपीलें हो रही हैं उनसे एक भय व शक का माहौल सा बन गया है अनचाहे ही... इस माहौल व भय-शक की मानसिकता के चलते कहीं वही चीज न हो जाये...जिसे रोकने के इतने जतन किये जा रहे हैं।

    आभार!


    ...

    जवाब देंहटाएं
  11. सौहार्द तो बना कर रखना ही पड़ेगा।

    जवाब देंहटाएं
  12. इससे अच्छा फैसला क्या हो सकता था -अब बात यही ख़त्म होनी चाहिए

    जवाब देंहटाएं

आप बताये क्या मैने ठीक लिखा