अद्भूत , अलौकिक ,नयनाभिराम यह शब्द आपको महसूस होंगे यदि आप इलाहाबाद मे माघ मेला देखने जायेंगे । संगम पर लाखो लोगो का प्रवास ,एक महीने का कल्पवास सिर्फ़ और सिर्फ़ गंगा स्नान ,ध्यान ,भगवत भजन श्रवण
प्रयाग राज का यह द्रश्य देखने के बाद जो यह महसूस होता है उसके लिए शब्द नही मिलते । मै भी माघ मेला मे बतोर पर्यटक शामिल हुआ श्रद्धालु इसलिए नही कहा क्योंकि मेरी यात्रा सिर्फ़ गंगा स्नान के लिए नही थी . लेकिन मेले का द्रश्य मेरी आँखों मे बस गया ।
भव्य व्यवस्था कई पैनटून पुल , एक शहर बसा हुआ तंबुओ का , जगह जगह साधू संतो के अखाडे ,प्रवचन ऐसा लगता था सब अपनी मार्केटिंग कर रहे है । उन सब के बीच गावों से आए श्रद्धालु ही पूरी श्रधा से संगम के तट पर अपना परलोक सुधारने की कोशिश कर रहे है । वही पर खाना वही बनाना ट्रक्टर पर आशिअना
सच मे अगर असली हिन्दुस्तान को देखना है तो संगम पर ही मिलेगा आज कल , कोई ऊंच नीच नही , कोई अमीर गरीब नही सब की मंजिल एक संगम पर स्नान । लाखो लोगो का रेला , और सिर्फ़ गंगा मैय्या की जय।
और कम्पनियो की मार्केटिंग भी हो रही है जगह जगह स्टाल और प्रचार और सबसे मजेदार विश्व हिंदू परिषद् के स्टाल के पास ही सर दर्द निवारक तेल का स्टाल क्या सामंजस्य था । यदि हो सके तो एक बार यहाँ जरुर जाए । और रात मे जगमगाता मेला स्थल लॉस बेगास को मात देता हुआ दिखेगा ।
सच कहा आपने ऐसी जगहों पर ही हिंदुस्तान की असली तस्वीर दिखाई देती है ऐसी जगहों पर एसा लगता है मानो एक लघु भारत बन गया हो !
जवाब देंहटाएंमेरा भारत महान. बस इतना ही कहूँगा. आभार.
जवाब देंहटाएंसच मे अगर असली हिन्दुस्तान को देखना है तो संगम पर ही मिलेगा आज कल , कोई ऊंच नीच नही , कोई अमीर गरीब नही सब की मंजिल एक संगम पर स्नान । लाखो लोगो का रेला , और सिर्फ़ गंगा मैय्या की जय।
जवाब देंहटाएं" सच कहा आपने इस लेख के लिए आभार....भगवान की क्रपा रही तो जरुर जायेंगे.."
Regards
प्रयास रहेगा कभी पहुँच पायें. आपके माध्यम से इस मेले के बारे में जाना..आभार.
जवाब देंहटाएंसही भारतीय मेले की तस्वीर है यह ..बढ़िया लिखा
जवाब देंहटाएंवही बात है धीरू जी अब सब व्योपार है....हम सभी जानते है अब कोई इस पर पिक्चर बना दे तो हल्ला मच जायेगा की भारतीय संस्क्रति का अपमान है
जवाब देंहटाएंभारत की असली पहचान.......!!!!!!
जवाब देंहटाएंसच इस समय तो इलाहाबाद और संगम मे एक अलग ही माहौल और नजारा देखने को मिलता है ।
जवाब देंहटाएंगंगा मईया ने कितनो के पाप धो दिये होगे, एक हम है गये ओर पाप भी नही धोये? चलिये आप के माध्यम से मेला घुम लिये.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सुन्दर वर्णन, हमेशा की तरह.
जवाब देंहटाएंमेलो ठेलों में ही दिखता है असली हिन्दुस्तान...
जवाब देंहटाएंकुछ दिनो पहल सत्यार्थमित्र ने कराए थे संगम दर्शन...
सुन्दर वर्णन
जवाब देंहटाएंधीरू जी
जवाब देंहटाएंपहली बार ब्लॉग पर आया..........
अच्छा लगा आपके लेख पढ़ कर. संगम पर सिमिट आए शोभा को अद्वितीय तारिक से उतारा है अपने, ऐसे कितने ही मेले, तीज, त्यौहार हिन्दुस्तान का असली रूप दिखाते हैं, पर आज का मीडिया............उस बात का सही प्रचार नही करता.
बधाई है आपको इस लेख के लिए