नया साल आ ही गया । बहुत शोरशराबा ,हल्लागुल्ला हुआ नया साल आया नया साल आया जब नया साल आ गयातो मैं यह सोच रहा हूँ नया क्या है ? नया सिर्फ़ कलेंडर है साल २००८ की जगह २००९ लिखा है । उसके आलावा आजतो मुझे कुछ भी नया नही दिखा । वही कल तक जो था आज भी वही महसूस हुआ लेकिन आज एक बात दिखी जोकल नही दिखी वह थी अधिकांश चेहरों पर खुशी सिर्फ़ नए साल के आगमन की ।
यह खुशी नए साल की है मैंने तो यही देखा नया साल अपने आप मे तो कुछ नही लेकिन आम आदमी इसमे एक नईउम्मीद देखता है उसे लगता है इस साल तो उसके सपने पूरे हो ही जायेंगे । इस साल उसके कष्ट कुछ हद तक तो खत्महोंगे । इस साल वह सुखी हो जायेगा । यही दो चार बातें खुशी का संचार कर देती है और हम जैसे आम आदमी नए साल मे नयी खुशीं की उम्मीद पर हल्ला गुल्ला करके नए साल का स्वागत करते है ।
हम हिन्दुस्तानी थोडी सी उम्मीद की रौशनी मिलते ही जश्न मनाने लगते है । क्यों हो भी ना क्योंकि ऐसे कुछ ही पल तो मिलते हमें दर्द ,दुःख को भुला कर प्रसन्न होने को । फिर थोडी देर बाद वही जीने का संघर्ष ,रोटी की तलाश चालू ।
सहमत हूँ कि आज २008 की जगह २००९ बदल गया आज कुछ नही दिखा तो कल मेरे भाई कैलेंडर के हर दिन कुछ न कुछ नई कहानी देखने को मिलेगी जो हर साल की तरह हटकर अजूबा जरुर लगेगी . भविष्य तो कोई नही जानता है . बस २००९ अच्छा आये रहे यही शुभकामना दे सकते है .
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ आपसे !
जवाब देंहटाएंबस उम्मीद पर ही तो दुनिया टिकी है ! उम्मीद है ये साल सभी के मंगलमय होगा !
हम हिन्दुस्तानी थोडी सी उम्मीद की रौशनी मिलते ही जश्न मनाने लगते है । क्यों हो भी ना क्योंकि ऐसे कुछ ही पल तो मिलते हमें दर्द ,दुःख को भुला कर प्रसन्न होने को । फिर थोडी देर बाद वही जीने का संघर्ष ,रोटी की तलाश चालू ।
जवाब देंहटाएंसच में ये पंक्तियाँ वाकई भारत को प्रर्दशित करती है बहोत ही सही कहा है आपने ....
अर्श
आपको एवं आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंनियमित लेखन हेतु शुभकामनाऐं.
समीर लाल
उड़न तश्तरी
http://udantashtari.blogspot.com/
नव वर्ष के जश्न में गुम होकर गम कम करने की बजाय नए संकल्पों से उन्नति की राह तलाशी जाए । नव - नूतन वर्ष की शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
bahut सुंदर लेख लिखा आप ने
नये साल का जश्न हिन्दुस्तानी ही नही सभी मनाते हैं शायद हिन्दुस्तानियों से कहीं बढ़कर,
जवाब देंहटाएंहम हिन्दुस्तानी थोडी सी उम्मीद की रौशनी मिलते ही जश्न मनाने लगते है । क्यों हो भी ना क्योंकि ऐसे कुछ ही पल तो मिलते हमें दर्द ,दुःख को भुला कर प्रसन्न होने को । फिर थोडी देर बाद वही जीने का संघर्ष ,रोटी की तलाश चालू ।
जवाब देंहटाएंयही तो जीवन का एक सच है.... कुछ पल की खुशी , फ़िर उदासी, फ़िर संघर्ष , और जीवन का चक्र यूँही चलता रहता है.
नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाऐं.
regards
भारत को इसीलिए त्योहारों का देश कहा गया है . यहाँ त्यौहार मनाने का बहाना चाहिए बस .
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