- क्या अब भी कसर बाकी है ?
- क्या यह हमला हमारे कान खोलने को काफी नही है ?
- कितनी लाशे देखने के बाद हमारी नींद खुलेगी ?
- क्या हमारा खून पानी हो गया है ?
- क्या अब भी आतंक की विवेचना करनी पड़ेगी ?
- क्या पाकिस्तान की साजिश को साबित करना वोट बैंक पर भारी पड़ता है ?
अगर आतंक से निजात पानी है तो एक ही रास्ता है पाकिस्तान पर हमला
आतंकीयो का मनोबल उंचा उठाने और देशभक्तो को प्रताडीत करने मे सोनिया और उसके वफादार मनमोहन एवम शिवराज का बहुत बडा हाथ है। आज यह प्रश्न भी खडा है की क्या इतना सटीक और सुनियोजित हमला करना किसी आतंकी संगठन की क्षमता मे आता है ? शायद नही। तो कौन सा देश है इस हमले के पीछे ??? कोई हिन्दु किसी इंसान का क्त्ल करता है तो मेरी गर्दन झुकती है। इसी तरह कोई मुसल्मान भी एक मुसलमान के रुप मे किसी इंसान को मारता है तो मुसल्मानो को भी शर्मींदगी महसुस होती है। तो कौन है जो यह करवा रहा है। क्या वेटीकन जिसका प्रतिनिधित्व सोनिया करती है उसकी योजना हिन्दु और मुसलमानो को लडाने की है ? पाकिस्तान पर हमला – कभी नही किया जाना चाहिए। बल्कि भारत और पाकिस्तान को दोस्ती करनी चाहिए, आपसी अविश्वास तथा घृणा को हटाना चाहिए। यही मार्ग है दक्षिण एसिया मे शांती और समृद्धी का।
जवाब देंहटाएंपकिस्तान पर हमले में भी यहाँ के कई राजनेताओ को पेट में दर्द होने लगेगा ...सिर्फ़ कानून को कडा करने ओर उसे सही तरीके से लागू करने की जरुरत है......गिल का तरीका ही इस देश को वापस ला सकता है....क्यों अमेरिका में दुबारा हमला करने की हिम्मत हुई ?कहाँ है मुलायम ?अमर सिंह ?राज ठाकरे ????
जवाब देंहटाएं# क्या अब भी कसर बाकी है ?
जवाब देंहटाएं# क्या यह हमला हमारे कान खोलने को काफी नही है ?
जब संसद पर हमले से भी आँखे नही खुली तो अब क्या खुलेगी ?
राजा अगर नपुंसक हो तो उसकी प्रजा का यही हश्र होता है, प्रजा को अगर जिंदा रहना है तो उसे ऐसे नपुंसक राजा और उसकी नपुंसक सेना दोनों के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें गद्दी से हटा देना चाहिये।
जवाब देंहटाएंहार्दिक श्रद्धांजली।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लिये
जवाब देंहटाएंदेश की सत्ता विदेशियों को सौंप दी जाएगी तो इससे भी आगे जाएंगे हम अभी तो कम है .
जवाब देंहटाएंईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
हरवाओगे क्या? लोकसभा का चुनाव लडने से पहले ही धर्मनिरपेक्ष ताक़तो का बाज़ा बजा दोगे लगता है।बहरहाल आपने लिखा बहुत सही है।
जवाब देंहटाएंबहुत सही लिखा है आपने । इसके शिवाय अब कोइ रास्ता नही बचा है
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