इंसानियत बीते ज़माने की बात हो जायेगी
किस्से कहानियो व किताबो में रह जायेगी
इंसानों को खोजना पड़ा तो
वह अजायबघर की किसी अलमारी में पाया जायेगा
ईमान और खुद्दारी
का मतलब कोई न बता पायेगा
इनका जिक्र आया तो
गीता या कुरान में ही आएगा
एहतराम और इज्ज़त
के किस्से सुने जायेंगे
यह भी कुछ होता था
उसे बडी मुश्किल से मान पाएंगे
बिलकुल सही कहा आप ने .धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआशा रखो भाई
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