ओबामा ओबामा ओबामा यह एक आदमी हिंदुस्तानिओं को इतना भा रहा है कि कोई उसे बिष्णु का अवतार न घोषित कर दे । अमरीका का राष्ट्रपति ओबामा हमारी आँखों का तारा हो गया और अभी तो २० जनबरी को शपथ होनी है । लेकिन हम भूल रहे है भेड़ियों के घर में भेड़ पैदा नहीं होती ।
हमारे पडोसी इसलिए बधाई स्वीकार कर रहे है कि उन्होंने ओबामा से अपनी नजदीकी रिश्तेदारी घोषित कर दी है ,वह ओबामा के भांजे बन गए है क्योंकि उनेह लगता है कि जितने काले वह मेरे बाप के साले ,
और तो और ओसामा भी ओबामा के बारे में सॉफ्ट कार्नर है क्योंकि वह भी उनेह अपना सा लगता है । ओबामा की यही शक्सियत तो उनेह यहं तक ले आई है । क्योंकि ओबामा को सब लोग अपना मान रहे है लेकिन कब तक ...................................
पगला गए हैं भइया सब. मंदी का माहौल में खुशी देने के लिए कुछ तो चाहिए. ओबामा ही सही. वैसे एक बात बताइए. ओसामा के दिल में ओबामा के लिए सॉफ्ट कार्नर क्या इसलिए है कि दोनों का नाम ओ से शुरू होता है?
जवाब देंहटाएंक्या बात है | सुंदर विचार |
जवाब देंहटाएंObama is real VISHU AVTAR because he is father of WORLD till his tenure
जवाब देंहटाएंअरे दरवारी लाल जी हम तो ओबामा ओबामा ( आधे से ज्यादा बंलाग पर )ऎसे चिल्ला रहे है जेसे किसी मंदिर के बाहर कॊई बडा सेठ कार आये तो सभी भिखारी खुश हो जाते है.... कि आ गये आ गये हमारे ओबामा...
जवाब देंहटाएंआप ने मेरे दिल की बात लिख दी
धन्यवाद
जिसमें सुकुन मिले वो काम कर लेने दो. बाकी तो कर्मफल दिखेंगे ही आगे. अभी काहे चिन्ता करना.
जवाब देंहटाएंvery good dheeru jee .
जवाब देंहटाएंसच कह रहे है भेडियो के घर भेडे नही होती है . रंग गोरा-कला होने से कुछ नही होता है . जो मिठियां अभी इंडिया में बांटी जा रही है खुशियाँ माने जा रही है . वे बाद में समझ में आवेंगी . इतिहास गवाह है कि अमेरिकियो के भारत के प्रति अच्छे भावः नही रहे है . यह हमें नही भूलना चाहिए. अपने अच्छा लिखा . आप बधाई के पात्र है .
जवाब देंहटाएंचलो व्हाइट हाउस तक अब सिफारिश चल जायेगी !
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंहम बहुत जल्दी अपनापा-बहनापा जोड़ने लग जाते हैं। चाहे चीन हो, रूस हो, बांग्ला हो। बार-बार धोखा खाने के बाद भी अक्ल नहीं आती। एक भी पड़ोसी से ढ़ंग का रिश्ता तो बन नहीं पा रहा। सात समुंदर पार से आशा बांध रहे हैं। उसका इतिहास जानते हुए भी कि अमेरिका सिर्फ अमेरिका का हित चाहता है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक टिप्पणी
जवाब देंहटाएंकड़वा यथार्थ
बिल्कुल सही कहा धीरू जी
धीरू जी
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आप आए उसके लिए शुक्रिया.आपने मेरा ज़िक्र अपने ब्लॉग में किया इसके लिए आभारी हूँ. सचमुच सरदार को हमने भुला दिया मगर इससे उनकी महानता कम नही हो जाती हाँ हम ज़रूर एहसानफरामोश हो जाते हैं. आपका प्रोफाइल पढ़ा आप बरेली के हैं ये जानकर और अच्छा लगा. शायद आपको पता न हो मगर इस शहर से मेरा बहुत करीबी रिश्ता रहा है आला हज़रत से लेकर वसीम बरेलवी तक मैं अपना जुडाव महसूस करता हूँ. किप्स की आलू टिक्की का स्वाद अभी उतरा नही है.......मेरे दोस्त आपसे मुलाकातें आगे भी होती रहेंगी.