एक ज्वालामुखी सुलग रहा है । धुआं भी उठ रहा है । हम उसे जानबूझ कर अनदेखा कर रहे है क्योकि उसके विनाशकारी परिणाम हमें डरा रहे है और वह ज्वालामुखी है गृह युद्ध ।
जो कार्य अंग्रेज न करा पाये वह काम राजनीति के रुधिर पिपासु अपनी कमियां छुपाने को अपने हिंदुस्तान को गृह युद्ध की ओर धकेल रहे है । इस समय नए नए विवाद प्रयोजित तरह से एक के बाद एक सामने आ रहे है और हम हिन्दुस्तानी रोज़ उनकी परिभाषाएं खोजने में लगे है । रस्सी को साँप और साँप को रस्सी बना कर पेश किया जा रहा है ।
आतंक को धर्म में बाट दिया । बम्ब भी हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई हो गया । आतंक और आतंकवादी को उनका धर्म देख कर उन कार्यवाही की जा रही है । जबकि आतंकवादियों को धर्म से कोई सरोकार नही होता । दुनिया का कोई भी धर्म शायद आतंक को मान्यता देता हो ।
जब हमारे यहाँ किसी भी अपराध और वह भी समाज के खिलाफ हुई अपराध की विवेचना धर्म को सामने रख कर होगी तभी समाज विरोधी तत्व भावनाए भड़काकर देश को गृह युद्ध की ओर धकेलेंगे । और हम नादाँ लोग जाने अनजाने उस युद्ध में शामिल हो जायेंगे । क्योंकि हम हमेशा से ही मोहरे बनते रहे सियासत के खिलाड़ियों के ,चाहे १९४७ हो १९७५ हो १९७७ हो १९८४ हो १९९१ हो या २००८
ज्वालामुखी धधक रहा है इसके फूटने से पहले इसका इलाज नही किया गया तो यह बर्वाद कर देगा । क्योंकि हम इस्रायल जैसे मानसिक सक्षम नही है पूरा विश्व चाहता है की हम बर्वाद हो जाए क्योंकि हम विश्व का नेत्रत्व करने की छमता रखते है ।
आप फ़िज़ूल चिंता छॊड दें । गृह युद्ध की स्थिति बन भी गई , तो हिंदुओं का कुछ खास बिगडने वाला नहीं ।जिस तेज़ी से अन्य समुदायों की तादाद में इज़ाफ़ा हो रहा है ,उस्से देखते हुए लगता है कि हालात ऎसे ही रहे , तो चंद ही सालों में भारत भूमि से हिंदू कौम ही खत्म हो जाएगी । फ़िर ना रहेगा बांस ,ना बजेगी बांसुरी ।
जवाब देंहटाएंक्या बात है, आप क लेख सच मै विचारणिय है, ओर सरिता जी की बात भी सही है, लेकिन यह नेता जिस डाल पर बेठे है उसे ही.....
जवाब देंहटाएं"जो कार्य अंग्रेज न करा पाये वह काम राजनीति के रुधिर पिपासु अपनी कमियां छुपाने को अपने हिंदुस्तान को गृह युद्ध की ओर धकेल रहे है ।"
जवाब देंहटाएंप्रिय धीरू, तुम बहुत कम शब्दों में बहुत सशकत लिखते हो. कलम चलते रहने दो, इसका असर बहुत लोगों पर होगा.
सस्नेह -- शास्त्री
देश के मौजूदा हालात को बडे प्रभावशाली तरीके से अिभव्यक्त िकया है आपने ।
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आपकी चिन्ता जायज है ।
जवाब देंहटाएंjo aapne post Kiyaa bouth he utamm hai reight side
जवाब देंहटाएंkeep it up
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एक ज्वालामुखी सुलग रहा है । धुआं भी उठ रहा है । हम उसे जानबूझ कर अनदेखा कर रहे है क्योकि उसके विनाशकारी परिणाम हमें डरा रहे है और वह ज्वालामुखी है गृह युद्ध ।
जवाब देंहटाएं" very well expressed, very critical and serious thought.."
Regards
आपकी चिन्ता जायज है ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद......अब मिलते रहेंगे,
जवाब देंहटाएंबढ़िया है.....