विवादास्पद लिखो टिप्पणी पाओ .
कल जो मैंने लिखा उसके पीछे कोई कारण नहीं था ना ही में किसी छद्म ब्लोगर से परेशान था . मैंने एक प्रयोग किया की विवादास्पद लिखो तो क्या स्थिति होगी . और मुझे उम्मीद से कई गुना मिला . बहुतो ने पढ़ा और टिप्पणी की तो पुछीये मत . आप खुद ही महसूस कर सकते है पढ़ कर .
खैर मैं यह समझ रहा हूँ की हम जैसे अल्प जानकार लोग विवादों के सहारे ही अपनी पहचान बना सकते है मैं कहाँ तक सही हूँ यह तो आप लोग ही बता सकते है . हमारा दर्द है जब हम सार्थक लिखते है [यह हम समझते है ]तब हमको वह नहीं प्राप्त होता जो हम विवादित लिख कर प्राप्त कर सकते है .
और कहने वाले तो कह ही गए है बदनाम हुए तो क्या नाम ना होगा .
कुछ लोग तो सार्थक पोस्ट को भी बर्बाद कर देते हैं.... वैसे यह बात भी सही है कि विवादित चीज़ों पर लोग रस ज़्यादा लेते हैं.... ऐसे लोग सिर्फ मौज लेने के लिए आते हैं.... जब आप सार्थक लिखेंगे तो दो बोल प्यार के नहीं लिखेंगे ....हौसला नहीं बढ़ाएंगे.... और मज़े लेके चलते बनेंगे....
जवाब देंहटाएंबढिया प्रयोग किया आपने .. पर विवादास्पद विषयों के चलने का मुख्य कारण इसमें रस लेना ही होता है .. ऐसी बात भी नहीं है .. हिन्दी भाषा में लिखने वाले ब्लॉगर की संख्या सीमित है .. एक दूसरे की समस्या से रूबरू भी होना चाहते हैं हम .. मुझे तो ऐसा ही लगता है !!
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से मानव स्वाभाविक मनोविज्ञान के अनुसार अक्सर नकारात्कमकता की तरफ़ ज्यादा आकर्षित हो जाता है । चलिए रविवार को आप आ ही रहे हैं तब बातें होंगी आमने सामने
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
ये भी खूब रही :-)
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
बहुत अच्चा लगा पड आप का
जवाब देंहटाएंये प्रयोग हम ने भी किया हे
अमृत 'वाणी'.कॉम
http://kavyakalash.blogspot.com/
अच्छा रहा आपका प्रयोग सफल रहा. बस, काठ की हांडी बार बार मत चढ़ाईयेगा..जल जाती है!!
जवाब देंहटाएं:) समीर जी की बात पर ध्यान देना होगा.
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
इंसान को हमेशा प्रयोगवादी ही होना चाहिए, कुछ करने से ही सफलता मिलती है।
जवाब देंहटाएंजमाना नकारत्मक सुचना को तुरत फुरत लेता है | |
जवाब देंहटाएंअब देखिये न किसी भले आदमी द्वारा किये गए जनकल्याण के कामो की कभी चर्चा नहीं होती पर गुंडों व बदमाशों के छोटे से छोटे कारनामे भी अख़बारों मेंप्रमुख समाचार बनते है |
धीरू भाई,
जवाब देंहटाएंआप राजनीति में नहीं गए...राजनीति नहीं जानती कि वो क्या मिस कर रही है...
जय हिंद...
सही कह रहें है आप।
जवाब देंहटाएंधीरू भाई आप भी न..
जवाब देंहटाएंप्रयोग तो अच्छा रहा .......... पर लेखन होना चाहिए ..... मन से होना चाहिए .....
जवाब देंहटाएंसही कहा टिप्पणी के साथ बेनामी की गालियां भी फ्री में मिलती हैं।
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ये इन्द्रधनुष होगा नाम तुम्हारे...
धरती पर ऐलियन का आक्रमण हो गया है।
विचारणीय पोस्ट लिखी है....लेकिन समीर जी की बात भी सही है..
जवाब देंहटाएंवाद-विवाद तो हमारा राष्ट्रीय शगल है.
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