मंगलवार, फ़रवरी 02, 2010
भारत में १४११ बाघ लेकिन इंसान कितने बचे गिनती करिए
कितनी चिंता का विषय है सिर्फ १४११ बाघ बचे है भारत में . एस ऍम एस करके बचाने के लिए मुहीम चालु हो गई . लेकिन क्या भारत में १४११ इंसान बचे है इस बात कि किसी को चिंता है या नहीं पता नहीं . पूरे भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भीड़ तो है लेकिन उस भीड़ में इंसान कितने है खोजना मुश्किल है .
हम बाघ का अस्तित्व तो बचाने के लिए चिंतित है होना भी चाहिए आखिर जीवो पर दया करना सिखाया गया है हमें . लेकिन बाघ से पहले हमें इंसानियत को बचाने की कोशिश भी तो करनी चाहिए .
आइये इंसानियत को बचाए . बाघ से ज्यादा जरुरी है इंसान को बचाए रखना .
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बाघों को जो बचायेंगे
जवाब देंहटाएंवही इन्सान कहलायेंगे.
-यह भी तो इन्सानियत का ही एक पहलू है भाई.
किसी का शेर है
जवाब देंहटाएंएक तरफ आदमी उधर कुत्ता,
कहिए किसको सावधान करे,
क्या हम उस बात का गुमान करे,
मुल्क में खुदकशी किसान करे,
ढूंढते रह जाओगे तब भी खोज न पाओगे
जवाब देंहटाएंबाघ के साथ साथ इंसानियत भी बचायी जाए.. वाह क्या सोच है..! हर इंसान अपने अंदर थोडा सा भी इंसान बचाले तो इंसानियत अपने आप ही बच जायेगी..
जवाब देंहटाएंइंसानियत को बचाना बहुत ज़रूरी है ........... पर जब तक इंसान ये बात समझेंगे ...... बाघ समाप्त हो जाएँगे ......
जवाब देंहटाएंबहुत पहले दूरदर्शन पर हैलमेट के प्रयोग पर एक एड आती थी जिसमें एक हिप्पी टाईप एक मोटर साईकित सवार पूछता है "सावधानी, व्हाट सावधानी?" याद आया?
जवाब देंहटाएंधीरू भैया, मुझे याद आया। मैं पूछता हूं - "इंसानियत, व्हाट इंसानियत?"
अफजल गुरू, कसाब जैसे इंसानियत के दुश्मनों को हम पाल-पोस रहे हैं, इंसानियत की परिभाषा में ऐसे उदाहरण रख्ने जायेंगे जब विलुप्त भावनाओं के बारे में हमारे बच्चों को बताया जायेगा।
धीरू भाई,
जवाब देंहटाएं1411 नहीं 1412 हैं...अपने ललित डॉट कॉम वाले शेर सिंह (ललित शर्मा) जी को भूल गए क्या...किसी भी बाघ
से उनकी मूंछे मिलाकर देख लो, ज़्यादा ही कड़क दिखाई देंगी...
जय हिंद...