अपनी कलम को हथियार बना शब्दो में बारुद भरें - सोया समाज जो राख समान उसमे कुछ आग लगे
बात सही है, मगर निराश न हों, एक एक कर तूतियां भी नक्कारखाने को मात कर देंगी.बात तो आपकी सही है यहथोड़ा करने से सब नहीं होताफिर भी इतना तो मैं कहूंगा हीकुछ न करने से कुछ नहीं होता
अजी तुतिया जोर से बजाओ, भुलने वाले ओर सोने वालो को जगा दो
वे मुतमईन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकतामैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये.. (दुष्यन्त)
सही कहा!!यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है. मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।आपका साधुवाद!!नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!समीर लालउड़न तश्तरी
मार्मिक पोस्ट
उम्मीद पर दुनिया कायम है.
यही फितरत है......
वाह ....... आज तो कड़वी बात लिख दी आपने ..... अच्छा लगा ये अंदाज़ आपका ......... नया साल बहुत बहुत मुबारक ........
kaun kehta hai ki aasmaan mein suraakh nahin ho sakta ek paththar to tabiyat se uchchalo yaaroprayaas jari rakhen safalta avashya milegi.
आप नकारखाने की तुती कहते है, उसे मैं असहमती में उठी एक आवाज कहता हूँ.
बहुत सुंदर लगी आप की यह रचना बहुत-बहुत धन्यवाद आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आप बताये क्या मैने ठीक लिखा
बात सही है, मगर निराश न हों, एक एक कर तूतियां भी नक्कारखाने को मात कर देंगी.
जवाब देंहटाएंबात तो आपकी सही है यह
थोड़ा करने से सब नहीं होता
फिर भी इतना तो मैं कहूंगा ही
कुछ न करने से कुछ नहीं होता
अजी तुतिया जोर से बजाओ, भुलने वाले ओर सोने वालो को जगा दो
जवाब देंहटाएंवे मुतमईन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता
जवाब देंहटाएंमैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये.. (दुष्यन्त)
सही कहा!!
जवाब देंहटाएंयह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
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जवाब देंहटाएंउम्मीद पर दुनिया कायम है.
जवाब देंहटाएंयही फितरत है......
जवाब देंहटाएंवाह ....... आज तो कड़वी बात लिख दी आपने ..... अच्छा लगा ये अंदाज़ आपका ......... नया साल बहुत बहुत मुबारक ........
जवाब देंहटाएंkaun kehta hai ki aasmaan mein suraakh nahin ho sakta
जवाब देंहटाएंek paththar to tabiyat se uchchalo yaaro
prayaas jari rakhen safalta avashya milegi.
आप नकारखाने की तुती कहते है, उसे मैं असहमती में उठी एक आवाज कहता हूँ.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगी आप की यह रचना बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।