हैलो मै बी .एस . पावला बोल रहा हूँ भिलाई से . जैसे ही मोबाईल उठाया उधर से आवाज़ आई . एक क्षण अनजानी सी मधुर आवाज़ जानपहचान सी लगने लगी . अरे पावला जी नमस्कार नमस्कार , यह एक फोन काल थी मुझे बधाई देने को मेरी शादी की साल गिरह पर .कितना अपनापन खूब बात हुई . ब्लोगिंग से एक नया रिश्तेदार मिला .
थोड़ी देर में फिर घंटी बजी अब उधर से आवाज आई धीरू भाई मैं महफूज . एक अनजानी आवाज़ फिर से अपनी सी लगने लगी . और एक नया रिश्ता जुड़ गया .
दोनों लोगो को पहचानने में मुझे देर नहीं लगी और उनकी आवाज़ के साथ उनकी तस्वीर मेरे जेहन में तैरती रही जैसे कितने दिनों से पहचान है . यह बाकया जब मैने घर पर सुनाया तो मेरे पापा जी को बहुत ख़ुशी हुई .
ब्लोगिंग से रिश्ते भी बन रहे है ऐसा होता है मैने जिया है .
बधाई! नए रिश्तों की।
जवाब देंहटाएंधीरू जी ,
जवाब देंहटाएंचलिए आज एक और ब्लोग्गर ये मानने लगा कि ये दुनिया अब मात्र आभासी नहीं रही ...काफ़िला बढ रहा है
बधाई हो धीरू भाई, बधाई.
जवाब देंहटाएंधीरु भाई, ऐसे ही नये रिश्तों का निर्माण हो रहा है, अजय जी ने सही कहा है कि ये दुनिया अब आभासी नही रही है।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंकमाल है
जवाब देंहटाएंbahut bahut mubaaraq !
जवाब देंहटाएंsada sada rahe ye mukaddas mohabbat !
बधाई !!
जवाब देंहटाएंबधाई हो
जवाब देंहटाएंधीरू भाई रिश्ते मे हम भी आपके भाई लगते हैं । बधाई ।
जवाब देंहटाएंजै जै
जवाब देंहटाएंकाफी सरप्राइज़ बटोर लिये आप, मुझे पाबला जी का तो नही हम महफ़ूज जी और गिरीश बिल्लोरे जी का फोन जरूर आया था। पाबला जी का हम वेट कर रहे है। :) अगर आपके पास हो तो तो हमें दे दो हम भी हैलो-हाय कर ले :)
जवाब देंहटाएंमुझे भी बहुत अच्छा लगा था....आपसे बात कर के....
जवाब देंहटाएंनये नये रिश्तों में प्रेम की धारा बहती रहे .......... और भी नये रिश्ते बनेंगे ऐसी आशा है ..... आमीन ...........
जवाब देंहटाएंये कारवां यूँ ही बढता रहे।
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ये तो बहुत ही आसान पहेली है?
धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।
मान देने के लिए आभार धीरू जी
जवाब देंहटाएंयूँ ही स्नेह बनाए रखिएगा
बी एस पाबला
ऐसे ही चलता रहे. पुनः बधाई.
जवाब देंहटाएंदेर आयद दुरुस्त आयद॥ परिणय दिवस की बधाई बंधुवर॥
जवाब देंहटाएंबधाई !!!!!
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग के सहारे जो रिश्ते बन रहे हैं वे वाकई बहुत ही अच्छे बन रहे हैं . मेरे साथ भी पंकज सुबीर और गौतम राजरिशी के साथ इसी तरह रिश्ते जुड़े ............दरअसल ये रिश्ते एक ऐसे मानसिक धरातल पर बनते हैं जो अपने खुद तैयार किया होता है इसलिए इनकी दीर्घजीवी होने की भी पूरी सम्भावना रहती है, परिणय दिवस की बधाई
जवाब देंहटाएंबधाई हो भाई...हम दोनों एक ही दिन वाली नाव में सवार थे और हमें पता ही नहीं चला....पाबला जी तो देवदूत हैं..उनकी बदौलत कितने ही अपरिचित अपने बन गए...जवाब नहीं उनका...एक बार फिर आपको ढेरों शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनीरज
क्या इसी को virtual reality कहते हैं?
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