शुक्रवार, मई 01, 2009

१ मई तो है ही मजदूरों के लिए घडियाली आँसू बहाने को

मजदूर दिवस को मना रहे है आज क्योकि आज के दिन कही मजदूरों को उनकी मांग पूरी करने के लिए मार दिया गया था । क्या १ मई को ही सिर्फ़ मजदूरों को मारा गया अगर यही एक कारण है तो बाकी के ३६४ दिन कौन सा ताज मिल गया मजदूरों को । क्या १ मई को जगह जगह लाल ,केसरिया ,तिरंगे झंडे फहरा कर भाषण वाजी करके मजदूरों के दुःख दूर किए जा सकते है ?

नही बिल्कुल नही फ़िर क्यो यह तथाकथित मजदूरों के हमदर्द या कहे उन बेचारे मजदूरों के सौदागर साल मे सिर्फ़ एक दिन मजदूरों की चिंता करते है फ़िर साल भर उनके दम पर अपने घरो को भरते है । आज या कहे हमेशा से तरक्की की राह के सबसे बड़े स्पीड ब्रेकर रहे है यह मजदूर संघटन चाहे वह कोई भी हो सीटू हो या मजदूर संघ या इंटक

मजदूरों की दशा सुधारने के लिए सिर्फ़ एक दिन के जलसों से काम नही चलेगा । नारों से काम नही चलेगा । नारों से तो सिर्फ़ मजदूरों के नेताओ का काम चलता है क्या यह बात आपको चौकाती नही है कि एक मजदूरों के ईमान दार नेता कि एक बड़े और महंगे शहर मे कई एकड़ ज़मीन है ।

काश कोई मजदूरों के हित मे ईमानदारी से सोचे उसी दिन से बेचारे मजदूरों की दशा मे सुधार होना शुरू हो जाएगा। वरना १ मई तो है ही मजदूरों के लिए घडियाली आँसू बहाने को

8 टिप्‍पणियां:

  1. खरी खोटी किन्तु सच्ची बात। कहते हैं कि-

    यही खेल हो रहे थे यही खेल हो रहे हैं।
    मेरा घर जलानेवाले मेरे साथ रो रहे हैं।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. 'आज या कहे हमेशा से तरक्की की राह के सबसे बड़े स्पीड ब्रेकर रहे है यह मजदूर संघटन चाहे वह कोई भी हो सीटू हो या मजदूर संघ या इंटक '

    बिल्कुल सही है। इन लोगों ने देश की आर्थिक स्थिति को भी बिगाड़ा और मजदूरों की स्थिति को भी।

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  3. आज का दिन १ मई मजदुर दिवस के साथ ही साथ महाराष्ट्र-दिवस। शुभकामनाऐ।

    आपने लिखा जो विचारणीय बाते है। अच्छा लिखा जी। आभार।

    मुम्बई टाईगर

    हे प्रभु तेरापथ

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  4. मजदूर शब्द अपनी गुणवत्ता खो बैठा है। क्यों कि साठ प्रतिशत लोग तो खुद मजदूर होते हुए खुद को मजदूर कहते शर्माता है। यह सही है कि मजदूरों का कोई हिमायती नहीं। उन्हें अपने नेता खुद में से ही बनाने होंगे, साथी तलाशने होंगे और खुद के लिए सत्ता भी खुद ही हासिल करनी होगी।

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  5. मजदूर संगठन तो घड़ियाल हैं।

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  6. जैसे की कई सॉफ्ट वेयर कम्पनियों ने कल छुट्टी राखि थी....

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  7. pahli baat to yah hai ki main samajh nahi paa raha hun ki yahaan hindi me kaise likhun?
    kya aap mri madad karenge?
    dr a kirtivardhan
    09911323732
    a.krtivardhan@gmail.com
    a.kirtivardhan@rediffmail.com
    kirtivardhan.blogspot.com
    meriudaan.bogspot.com
    samander

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  8. बात सही है आपकी............१ मई को सब घडियाली आंसू ही बहाते हैं.............देश की नींव मजदूर के बारे कोई नहीं sochta

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा